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लीवर, पैनक्रियाज तथा पेट की जटिल बीमारियों के दूरबीन से आॅपरेशन अब अजमेर में संभव


जी आई सर्जन डाॅ. एस.पी. जिन्दल का मित्तल हाॅस्पिटल में लगा निःशुल्क परामर्श शिविर

अजमेर (Ajmer Muskan)। लीवर, पैनक्रियाज तथा पेट की जटिल बीमारियों के दूरबीन से आॅपरेशन अब अजमेर में संभव हैं। आहार नली, आॅत, हर्निया, अपेंडिक्स, पित्त की थैली की पथरी आदि पेट की जटिल बीमारियों के उपचार के लिए लोगों को अब अजमेर से बाहर नहीं जाना होगा। जी आई सर्जन डाॅ. एस. पी. जिन्दल ने रविवार को मित्तल हाॅस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में आयोजित निःशुल्क चिकित्सा एवं परामर्श शिविर में आए रोगियों को यह भरोसा दिया। उन्होंने मीडिया को बताया कि शिविर में 30 से 80 वर्ष की आयु के अनेक रोगी पहुंचे जिन्हें कोरोना काल में पेट की बीमारियों की वजह से पीड़ा उठानी पड़ रही थी पर उपचार नहीं मिल पा रहा था।

गेस्ट्रो एण्ड लेप्रोस्कोपिक सर्जन डाॅ. एस. पी. जिंदल ने कहा कि सामान्य रूप से पेट की तकलीफ लाइफ स्टाइल से ही जुड़ी है। संयमित भोजन एवं नियिमित व्यायाम ना करने वालों को तो पेट की तकलीफ होती ही है। उन्हें भी पेट से संबंधित जटिल बीमारियां हो जाती है जो संयमित लाइफ स्टाइल जीते हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना काल में लोगों की लाइफ स्टाइल बदली, उनका नियमित व्यायाम अभ्यास छूट गया।  खान-पान में भी काफी बदलाव हुआ। जो रोगी पहले से ही पेट से जुड़ी किन्ही बीमारियों से ग्रसित थे उनका रोग और बढ़ गया। ऐसे रोगी रविवार को आयोजित शिविर का लाभ लेने पहुंचे।

डाॅ. जिंदल ने बताया कि पेट की तकलीफ कई बार इमरजेंसी से जुड़ी होती तो कई बार अरजेंसी से। उनका कहना था की हर्निया, अपेडिक्स, पथरी आदि ऐसी ही तकलीफ है जो कि आपात काल में उपचार की स्थितियां पैदा कर देती है। समय पर उपचार नहीं मिलने से रोगी की जान जोखिम में पड़ जाती है। अजमेर संभाग वासियों को जी आई सर्जन के रूप में उनकी नियमित सेवाएं उपलब्ध होने से अब त्वरित उपचार मिल सकेगा।

निदेशक डाॅ. दिलीप मित्तल ने बताया कि शिविर में पंजीकृत रोगियों को निर्देशित जांचों पर 25 प्रतिशत तथा आॅपरेशन व प्रोसीजर्स पर 10 प्रतिशत की छूट अगले सात दिवस तक दी गई है। उन्होंने बताया कि  मित्तल हाॅस्पिटल में केंद्र, राज्य सरकार व रेलवे कर्मचारियों एवं पेंशनर्स, भूतपूर्व सैनिकों(ईसीएचएस), ईएसआईसी द्वारा बीमित कर्मचारियों, आयुष्मान भारत महात्मागांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम सहित टीपीए द्वारा उपचार के लिए अधिकृत है।

गौरतलब है कि हाॅस्पिटल में आयोजित शिविर के दौरान कोरोना संबंधित सरकार की गाइड लाइन का पूर्ण पालन किया गया। प्रवेश के समय स्क्रीनिंग की सुविधा, सोशल डिस्टेंसिंग की पालना, मास्क की अनिवार्यता, और सैनिटाईजेशन नियमों का पूर्ण पालन किया जा रहा है।

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