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हेमू कालाणी सबसे कम उम्र में देश के लिए हुए शहीद : भागचन्द दौलतानी


माता पिता की इकलौती संतान थे अमर शहीद हेमू कालाणी  

अजमेर (Ajmer Muskan) । सिन्ध के अमर शहीद हेमू कालाणी सबसे कम आयु 19 वर्ष में ही देश के लिए शहीद हुए और वो अपने माता पिता की इकलौती संतान थी।उपरोक्त विचार पूज्य सिन्धी पंचायत अजमेर के अध्यक्ष एवं पूव्र पार्षद भागचन्द दौलतानी ने गंज स्थित प्राचीन सिन्धी मन्दिर में पूज्य सिन्धी पंचायत अजमेर द्वारा शहीद हेमू काूानी के जीवन पर आधारित वैचारिक गोष्ठी में व्यक्त किये।पूज्य सिन्धी पंचायत अजमेर के महासचिव रमेश लालवानी ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए बताया कि हेमू काॅलानी को रेल लाईन की फिश प्लेट खोलते हुए पकडा गया था इसके दो साथी भाग गये पर यह पकडा गया।अपाने माता पिता की इकलौती संतान होने के कारण अ्रगेजो को हेमू कालाणी की फांसी की सजा से माफी हेतु अनुरोध किया गया तब अंग्रेजों ने इसके दो साथियो के नाम बताने हेतु कहा तब हेमू कालानी ने फांसी की सजा स्वीकार करते हुए अपने साथियो के नाम उजागर नही करते हुए छैनी और हथौडे को साथी बताया।
अजयमेरू सेवा समिति के अध्यक्ष किशोर विधानी ने बताया कि हेमू कालानी का जन्म 23 मार्च 1923 को वर्तमान पाकिस्तान के सख्खर में हुआ और शहादत 21 जनवरी 1943 को सख्खर जेल में हुई।व्यापारिक ऐसोसिएशन गंज के महासचिव गोविन्द लालवानी ने बताया कि हेमू कालाॅनी के स्मृति में भारत सरकार द्वारा उनकी जयन्ति के अवसर पर 23 मार्च 1983 को डाक टिकट भी जारी किया गया है। इस अवसर पर प्रचीन सिन्धी मन्दिर गंज के उपाध्यक्ष ताराचन्द लालवानी के नेतृत्व में दो मिनट का मौन धारण करके और केण्डिल जलाकर दिवंगत आत्मा की मुक्ति हेतु प्रार्थना भी की गई। 
इस अवसर पर भागचन्द दौलतानी, महासचिव रमेश लालवानी, किशोर विधानी, ताराचन्द लालवानी, मंगलसिंह, गोविन्द लालवानी, राधाकिशन दौलतानी, भगवान रूपानी आदि ने हेमू कालानी के जीवन पर अपने विचार व्यक्त किये।

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