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अजयमेरू प्रैस क्लब की मासिक साहित्य धारा में बही काव्य रस की धारा

अजयमेरु प्रैस क्लब अजमेर

अजमेर (Ajmer Muskan) ।
अजयमेरू प्रैस क्लब के तत्वावधान में रविवार को वैशाली नगर स्थित क्लब भवन में विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर आयोजित साहित्य धारा में गीत, ग़ज़ल और कविताओं का रंग जमकर बरसा। कार्यक्रम का आगाज़ कवि शंकरलाल दाधीच ने भारत माता के आंचल कि रक्षा का वचन दे डालो रचना से किया। उसके पश्चात तान सिंह शेखावत ने जब से कोरोना आया है, तेज सिंह कछवाहा ने यही हालत अगर हद से गुजर जायेंगे, डॉ. महिमा श्रीवास्तव ने सुगंध मेरी शेष है, देव दत्त शर्मा ने हिंदी है भारत के भाल की बिंदी, अंजू अग्रवाल लखनवी ने ये किस समाज में रह रहे हैं हम, डॉ. विनीता जैन ने उम्मीदें रोशन हैं सूरज के उजालों की तरह, सह संयोजक सुमन शर्मा ने गम जायेंगे दिन आयेंगे खुशियों के साथिया रचनाएं पढ़ीं। 

गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए गज़लकार डॉ. बृजेश माथुर ने इस जहां से लिया सदा तूने सोच तूने दिया क्या है, सैयद सादिक अली ज़की ने यादों की बस्ती है बसाई तुम भी रहने आ जाना, प्रैस क्लब सचिव राजकुमार पारीक ने व्यंग्य रचना हिप्पी कट बालों के कारण, संयोजक उमेश कुमार चौरसिया ने प्रकाश ही तो आधार है ऊर्जा का उल्लास का, गीतकार राजेश भटनागर ने तू चाहे मुझको ना चाहे पर, प्रभा शर्मा ने मौन की तंद्रा अब वीरों तोड़ दो, व्यंग्यकार प्रदीप गुप्ता ने व्यंग्य रचना अर्थ व्यवस्था योद्धा, कुलदीप खन्ना ने तिरस्कार नहीं करती हैं बेटियां, ध्वनि मिश्रा ने जिसे हर वक्त में खुद ढूंढती हूं, रवि गोयल ने खड़ा रहा जो अपने पथ पर, गंगाधर शर्मा हिन्दुस्तान ने कोरोना का हो गया जब काया पर अधिकार, डॉ. के. के. शर्मा ने काश में सीख पाता तितली और फूलों से एवं कृष्ण कुमार शर्मा ने ज़िन्दगी दरख़्त है मत भूल जाइए आदि रचनाएं प्रस्तुत करी। कार्यक्रम संयोजक उमेश चौरसिया ने विश्व हिंदी दिवस पर अपने विचार व्यक्त किए। अजयमेरू प्रैस क्लब के उपाध्यक्ष प्रताप सिंह सनकत ने क्लब के साहित्य से संबंधित भावी कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए कहा कि इस मासिक गोष्ठी का उद्देश्य नए  रचनाकारों  को मंच प्रदान करना है। व्यंग्यकार एवं साहित्य समिति सदस्य प्रदीप गुप्ता द्वारा किया गया।

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