मित्तल हाॅस्पिटल में हार्ट रोगी की हुई हाॅट सी.आर.टी
सीनियर कार्डियोलाॅजिस्ट डाॅ. आर.आर. मंत्री व डाॅ. विवेक माथुर ने अजमेर को पहली बार दिलाई यह उपलब्धि
अजमेर (Ajmer Muskan)। अजमेर में एडवांस हार्ट फेल्योर का उपचार अब संभव है। मित्तल हाॅस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर पर एडवांस हार्ट फेल्योर रोगी के हाॅट सी.आर.टी कर पहली बार यह उपलब्धि अर्जित की गई। सीनियर कार्डियोलाॅजिस्ट डाॅ आर.आर मंत्री एवं डाॅ विवेक माथुर ने कोविड-19 के विषम दौर में अजमेर को यह उपलब्धि दिलाई। इससे पहले एडवांस हार्ट फेल्योर के रोगियों को अजमेर से बाहर किसी बड़े चिकित्सा संस्थान में जाना पड़ता था।
गौरतलब है कि एडवांस हार्ट फेल्योर का मरीज वह होता है जो पूर्व में डायबिटीज, ब्लडप्रेशर, आदि से ग्रसित रहते हुए एंजियोप्लास्टी, वाल्व या बाईपास सर्जरी के दौर से गुजर चुका हो। ऐसे मरीज का हार्ट बेहद कमजोर होने के कारण दवाइयों पर निर्धारित होता है। रोगी का यह रोग और बढ़ जाता है तो उसके जीवन रक्षण के लिए इसके ऊपर के उपचार की जरूरत होती है। जिनमें हाॅट सी. आर. टी., हार्ट ट्रांसप्लांट या अत्याधुनिक एल.वी. असिस्ट डिवायस शामिल है।
मित्तल हाॅस्पिटल के सीनियर कार्डियोलाॅजिस्ट डाॅ. विवेक माथुर कहते हैं कि वर्तमान में हिज बंडल पेसिंग (दिल की विफलता के उपचार में एक नई सीमा) व सी.आर. टी. ( कार्डियक रीसिंक्रेनाईजेशन चिकित्सा) का मिश्रण हाॅट सी.आर.टी. ही एडवांस हार्ट फेल्योर के मरीज का अत्याधुनिक तकनीकी उपचार है। यहां बता दें कि डाॅ विवेक माथुर राजस्थान के पहले डाॅक्टर हैं जिन्हें हार्टफेल्योर एसोसिएशन वियाना यूरोप से लाइफ टाइम मान्यता प्राप्त है।
उन्होंने बताया कि अजमेर निवासी राजकीय महाविद्यालय से सेवानिवृत प्राध्यापक 78 वर्षीय महेश नारायण माथुर को अलसुबह अचानक सांस लेने में कठिनाई हुई व चक्कर आने लगे। उनका हृदय कमजोर होने की वजह से जांच में उनकी नब्ज कम पाई गई। महेश नारायण माथुर की पूर्व में एंजियोप्लास्टी और फिर बाद में बाईपास सर्जरी भी हो चुकी थी। उनका हार्ट काफी कमजोर अवस्था में था। बेहद आपात स्थिति में उन्हें मित्तल हाॅस्पिटल में भर्ती किया गया। जहां रोगी को पहले स्थिर किया गया फिर वरिष्ठ कार्डियोलाॅजिस्ट डाॅ आर आर मंत्री के साथ मिलकर हाॅट सी.आर.टी. की गई। इस सर्जरी में टीम एमएचआरसी का सराहनीय योगदान रहा। रोगी अब पूर्ण रूप से स्वस्थ है और हाॅस्पिटल से डिस्चार्ज किया जा चुका है।
डाॅ विवेक माथुर के अनुसार हार्टफेल्योर बहुत ही प्रचलित बीमारी है। हार्ट अटैक के बाद रोगी के हृदय की पम्पिंग क्षमता चालीस प्रतिशत से कम हो जाए व दवाइयों का उपचार ही चल रहा हो तो ऐसे में मरीज इस हाॅट सी.आर.टी. जैसी थैरेपी का लाभ उठा सकते हैं। डाॅ विवेक माथुर ने बताया कि एडवांस हार्ट फेल्योर के मरीज को यह उपचार अब तक दिल्ली, मुम्बई, अहमदाबाद आदि बड़े हार्ट सेंटरों पर ही संभव था। अब मित्तल हाॅस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, अजमेर में भी संभव है।
निदेशक डाॅ दिलीप मित्तल ने बताया कि मित्तल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर पंद्रह सालों से एक ही छत के नीचे समस्त सुपरस्पेशियलिटी जैसे हृदय रोग, कैंसर रोग, गुर्दा रोग, न्यूरो सर्जरी, न्यूरो फिजीशियन, पथरी, प्रोस्टेट एवं मूत्र रोग एवं गेस्ट्रोएण्ट्रोलाॅजी आदि भरोसेमंद चिकित्सा सुविधाएं मुहैया करा रहा है। हॉस्पिटल के दक्ष एवं अनुभवी चिकित्सकों की टीम मरीजों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रही हैं।
निदेशक मनोज मित्तल ने कहा कि मित्तल हाॅस्पिटल ने कोविड-19 के दौर में विषम हालात होने के बावजूद राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम और आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत हार्ट अटैक व हार्ट फेल्योर के अनेक मरीजों को उपचार लाभ पहुंचाया है। हाॅस्पिटल में कोविड-19 गाइड लाइन का पूर्ण पालन करते हुए रोगियों के सभी तरह आॅपरेशन जिनमें कार्डियक सर्जरी, एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी, पेसमेकर, बाईपास व वाल्व सर्जरी, कैंसर सर्जरी, स्पाइन व न्यूरो सर्जरी, डायलिसिस, पथरी, प्रौस्टेट एवं मूत्र रोग से संबंधित सर्जरी शामिल हैं, निरंतर की जा रहीं हैं।
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