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मुंह के कैंसर रोगी का मित्तल में हुआ सफल इलाज

नाउम्मीद हो चला था वो, जागी जीने की ललक..

मित्तल हॉस्पिटल अजमेर

कैंसर सर्जन डाॅ. जितिन यादव ने की कमाण्डो सर्जरी

अजमेर (Ajmer Muskan)। मुंह के कैंसर से पीड़ित रोगी का मित्तल हाॅस्पिटल के कैंसर सर्जन डाॅ. जितिन यादव ने सफल कमाण्डो ऑपरेशन किया। जीभ के कैंसर का इलाज कराने के बाद पीड़ित के मुंह का कैंसर दोबारा बढ़ जाने से वह हताश था। कोरोना काल में उपचार मिल पाने की उसे उम्मीद भी नहीं थी। सेवा समिति वृद्धाश्रम पाली के सहयोग से मित्तल हाॅस्पिटल अजमेर में उपचार लाभ पाकर वह अब स्वस्थ हो गया है। उसमें फिर जीवन जीने की ललक जाग गई है।

राजस्थान के पाली जिला निवासी कैंसर रोगी हरि ओम सेन ने बताया कि दो साल पहले उसने जीभ के कैंसर का उपचार कराया था जिससे वह ठीक भी हो गया था। कुछ माह बाद ही उसके दाएं गले में गांठें होने लगी और उसका दायां गाल भी खराब होने लगा। कोरोना काल में शुरू में लाॅकडाउन हो जाने से उपचार मिलने की उम्मीद भी नहीं रही थी। उसने सेवा समिति वृद्धाश्रम, पाली में सम्पर्क कर उनके सहयोग से उपचार पाने का प्रयास किया। सेवा समिति अध्यक्ष प्रमोद जैथलिया के प्रयासों से ही उसका यहां उपचार हो सका।

यहां गौरतलब है कि गत पांच वर्षों से पाली सेवा समिति वृद्धाश्रम के साथ जुड़कर मित्तल हाॅस्पिटल निरंतर जरूरतमंदों के लिए स्वास्थ्य सेवा शिविरों का आयोजन करता रहा है।

मित्तल हाॅस्पिटल के कैंसर रोग विशेषज्ञ डाॅ जितिन यादव ने बताया कि रोगी जिस अवस्था में उनके पास आया था रोगी का दायां गाल पूरा ही कैंसर के कारण सड़ गल गया था। गांठ गाल से बाहर तक आ गई थी। रोगी का मुंह के कैंसर का उपचार तो यहां किया ही गया उसके छाती से चमड़ी लेकर उसका दायां गाल भी पूरी तरह नया बनाया गया। इस कमाण्डो आॅपरेशन में सीनियर एनेस्थीसियोलाॅजिस्ट डाॅ राजीव पाण्डे और टीम एमएचआरसी का सराहनीय योगदान रहा। इस सर्जरी में उन्हें पांच से छह घंटे लगे।

डाॅ जितिन यादव ने कहा कि कोरोना काल हो या अन्य विपरीत परिस्थितियां कैंसर रोग का निदान जितना जल्द से जल्द संभव हो उतना ही अच्छा। उपचार को टालना मतलब जानबूझकर जीवन को संकट में डालना है। डाॅ यादव ने बताया कि कैंसर से संबंधित सभी तरह के जटिल आॅपरेशन मित्तल हाॅस्पिटल में कोरोना काल में भी किए जा रहे हैं।

रोगी हरिओम सेन ने मीडिया को बताया कि जवानी के दिनों में वह तम्बाकू - जर्दा बहुत खाया करता था। पूरा डिब्बा एक ही दिन में खाली कर देता था। इस बड़ी गलती का अहसास उसे तब हुआ जब वह जीभ के कैंसर से पीड़ित हो गया। जीभ के कैंसर के कारण उसके गले में बाएं तरफ गांठें हो गई। इससे उसका सिर्फ जर्दा - तम्बाकू ही नहीं यहां तक कि खाना-पीना भी छूट गया।

निदेशक सुनील मित्तल ने बताया कि मित्तल हाॅस्पिटल में कैंसर सहित सभी सुपरस्पेशियलिटी चिकित्सा सेवाओं यथा हार्ट, कार्डियोलाॅजी, न्यूरोलाॅजी, न्यूरो सर्जरी, गुर्दा रोग, मूत्र रोग, गैस्ट्रोएण्ट्रोलाॅजी एवं प्लास्टिक सर्जरी में दक्ष व अनुभवी चिकित्सकों की टीम द्वारा जांच व आॅपरेशन की आधुनिक तकनीक युक्त सुविधाएं उपलब्ध हैं।

उन्होंने बताया कि कोविड-19 की सभी गाइडलाइन का हाॅस्पिटल में शत-प्रतिशत पालन किया जा रहा है। रोगी के प्रवेश के समय स्क्रीनिंग की सुविधा, सोशल डिस्टेंसिंग की पालना, मास्क की अनिवार्यता, और सैनिटाईजेशन नियमों का पूर्ण पालन हो रहा है।

मित्तल हाॅस्पिटल  केंद्र, राज्य सरकार व रेलवे कर्मचारियों एवं पेंशनर्स, भूतपूर्व सैनिकों(ईसीएचएस), ईएसआईसी द्वारा बीमित कर्मचारियों, आयुष्मान भारत महात्मागांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम सहित टीपीए द्वारा उपचार के लिए अधिकृत है।

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