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प्राचीन सिन्धी शिव मंदिर अजमेर में संत हिरदाराम की पुण्यतिथि पर किया नमन

संत स्वामी हिरदाराम जी

संत स्वामी हिरदाराम ने जीव सेवा समिती का गठन कर लाखो जीवो का किया कल्याण
  

अजमेर (Ajmer Muskan)। जीव सेवा समिति के सस्थापक महान संत स्वामी हिरदारामजी की पुण्य तिथि के अवसर पर पूज्य सिन्धी पंचायत अजमेर के पदाधिकारियों द्वारा सोमवार को गुरूनानक गंज स्थित प्राचीन सिन्धी शिव मन्दिर में पूज्य सिन्धी पंचायत अजमेर के अध्यक्ष एवं पूर्व पार्षद भागचन्द दौलतानी के नेतृत्व में आरती पूजन करके एवं मौन धारण कर संत स्वामी हिरदारामजी को नमन किया। 

पूज्य सिन्धी पंचायत अजमेर के अध्यक्ष भागचन्द दौलतानी ने इस अवसर पर बताया कि संत स्वामी हिरदारामजी ने जीव सेवा समिति के माध्यम से लाखों जीवो का कल्याण किया। पूज्य सिन्धी पंचायत अजमेर के महासचिव एवं अजयमेरू सेवा समिति के अध्यक्ष किशोर विधानी ने इस अवसर पर बताया कि संत स्वामी हिरदारामजी का जन्म सिन्ध वर्तमान पाकिस्तान के भिरया नवाबशाह में 21 सितम्बर 1906 को माता इन्दुमति व पिता सहजराम के धर हुआ। इनका जन्म का नाम रामचन्द था एवं 14 साल की आयु में संत बाबा हरिराम के सम्पर्क में आकर आघ्यात्मिक शिक्षा प्रारम्भ की और हर समय राम का स्मरण करते रहते थे। इसलिए संत बाबा हरिराम ने आपका नाम हिरदाराम रखा कि हद्रय में राम का स्मरण करते है। संत स्वामी हिरदारामजी स्वामी हिरदाराम जी विभाजन के बाद सिंध के नवाबशाह से 1948 में पुष्कर आए थे। 1950 में पुष्कर में एक कुटिया बनाई 1962 में भोपाल बैरागढ़ गये तथा 1965 में वहां आश्रम स्थापित किया। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा 05 जून 1995 को बैरागढ़ भोपाल का नाम हिरदाराम नगर रखा। संत स्वामी हिरदारामजी ने 21 दिसम्बर 2006 को शरीर का त्याग किया। वर्तमान में संत स्वामी हिरदाराम अनेक शिक्षा के, जीव कल्याण के, गरीबो को खाद्य सामग्री वितरण के और आघ्यात्मिक केन्द्र देश भर में संचालित है।

इस अवसर पर व्यापारिक ऐसोसिएशन गंज के महासचिव गोविन्द लालवानी, राधाकिशन दौलतानी, प्रीतमदास सबनानी तथा अन्य द्वारा पूजा अर्चना की गई पूजा पंडित लक्ष्मीनारायण दीक्षित एवं दामोदर दाधीच द्वारा संपन्न करवाई गई।

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