विद्युतीकृत रेलमार्ग की औपचारिक शुरुआत
अजमेर (Ajmer Muskan)। अजमेर-उदयपुर रेलमार्ग के हाल ही में विद्युतीकरण पश्चात ट्रेनों के संचालन की स्वीकृति मिलने पर शनिवार 26 दिसंबर को मदार स्टेशन से राणा प्रतापनगर स्टेशनों के बीच विद्युत इंजिन से पहली मालगाड़ी का संचालन किया गया । इस संचालन के अंतर्गत लोको संख्या 32286 इलेक्ट्रिक इंजिन युक्त मालगाड़ी मदार से 3.20 बजे रवाना होकर 10.45 बजे राणाप्रताप नगर स्टेशन पहुंची।
मंडल रेल प्रबंधक नवीन कुमार परसुरामका ने इसे अजमेर मंडल के लिए एक ऐतिहासिक पल बताया और कहा कि लंबे समय से इस मार्ग से संबंधित लोगों को इस मार्ग पर विद्युत ट्रेन चलने का इंतजार था जो आज पूरा हुआ है, शीघ्र ही विद्युतीकृत इंजिन युक्त यात्री ट्रेन का संचालन भी इस मार्ग पर किया जाएगा। उन्होंने वरिष्ठ मंडल बिजली इंजीनियर श्री पंकज मीणा सहित मंडल के अन्य अधिकारियों की इस सफल संचालन पर प्रशंसा की । 320.18 करोड़ रूपये की लागत से 294.50 किलोमीटर लंबे अजमेर-उदयपुर विद्युतीकृत रेल मार्ग पर 18 दिसंबर को रेल संरक्षा आयुक्त द्वारा निरीक्षण तथा स्वीकृति पश्चात यह संचालन किया गया है। मंडल के अजमेर -पालनपुर खंड पर भी विद्युतीकरण का कार्य तीव्र गति से जारी है।
अजमेर -उदयपुर मार्ग के विद्युतीकरण से राजस्थान के प्रमुख पर्यटक स्थल उदयपुर का जुड़ाव अजमेर, जयपुर तथा दिल्ली से इलेक्ट्रिक ट्रेक्शन से हो गया है तथा इंजन चेंज करने में लगने वाले समय में कमी आयेगी।
यह रेलखंड इस क्षेत्र से दिल्ली की ओर जाने वाले मार्ग को पर्यावरण अनुकूल रेल परिवहन से जोडने में सहायक होगा।
विद्युतीकरण होने से यात्रियों को बहुत से फायदे होगे, जिनमें प्रमुख है-
1. ट्रेनों की औसत गति में वृद्धि
2. डीजल इंजन के धुएं से होने वाले प्रदुषण से मुक्ति
3. विद्युत इंजनों की लोड क्षमता अधिक होने के कारण अधिक भार वहन
4. अधिक ट्रेनों का संचालन संभव
5. वर्तमान में इलेक्ट्रीक ट्रेनों का उत्पादन अधिक होने व इनमें अत्याधुनिक टैक्नालॉजी के उपयोग के कारण अधिक सुविधाएं मिलना
6. ईंधन आयात पर निर्भरता में कमी
7.इलेक्ट्रीक गाडियों की परम्परागत गाड़ियों से तीव्र गति पकड़ना और तुरंत रुकना के कारण इसकी औसत गति अधिक होती है एवं यह यात्रियों के लिये सुविधाजनक होती है।
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