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मुख्यमंत्री करेंगे अजमेर डेयरी के नवीन प्लांट का औपाचारिक उद्घाटन

अजमेर डेयरी

अजमेर (Ajmer Muskan)। अजमेर डेयरी के 313.11 करोड़ के नवीन प्लांट का औपचारिक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा 18 दिसम्बर को वीसी के माध्यम से किया जाएगा।
अजमेर डेयरी के अध्यक्ष रामचन्द्र चौधरी ने बताया कि डेयरी के नवीन संचालित दुग्ध प्रोसेसिंग प्लांट का औपचारिक उद्धाटन मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत वीसी के माध्यम से करेंगे। चिकित्सा एवं जन सम्पर्क मंत्री डॉ. रघु शर्मा, कृषि एवं पशुपालन मंत्री श्री लाल चन्द कटारिया, खनिज एवं गोपालन मंत्री श्री प्रमोद जैन भाया, सहकारिता मंत्री श्री उदय लाल आंजना, शिक्षा मंत्री श्री गोविन्द सिंह डोटासरा भी जयपुर में उपस्थित रहेंगे। अजमेर में कलेक्ट्रेट स्थित भारत निर्माण सेवा केन्द्र पर सांसद श्री भागीरथ चौधरी, विधायक श्रीमती अनिता भदेल भी उपस्थित रहेंगे।
अजमेर डेयरी के प्रबन्ध संचालक उमेश चन्द्र व्यास ने बताया कि यह प्लांट 8 लाख लीटर दूध प्रतिदिन की क्षमता का है। यह प्लांट पूरी तरह से भी ग्रीन एनर्जी पर आधारित रहेगा। यहां 42 प्रकार के दुग्ध उत्पाद निर्मित होंगे। यहां व्हाईट बटर का निर्माण भी किया जाएगा। यह बाजार में उपलब्ध अन्य कम्पनियों की तुलना में कम रेट का होगा। साथ ही इसकी गुणवत्ता उच्च स्तर की होगी। यह प्लांट उत्तरी भारत का सबसे बडा प्लांट होगा। इसके निर्माण में पशुपालकों ने भी अपना योगदान प्रदान किया है। उनके बकाया दो भुगतान दिसम्बर माह की 21 से 30 तारीख के मध्य किए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि अजमेर जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ अजमेर राजस्थान सहकारी अधिनियम 1965 के अन्तर्गत वर्ष 1972 में पंजीकृत हो अजमेर जिले में दुग्ध संकलन, प्रसंस्करण एवं विपणन का कार्य आरम्भ किया। आरम्भिक अवस्था में 25 हजार लीटर प्रतिदिन प्रसंस्करण क्षमता के दुग्ध संयंत्र को विभिन्न चरणों में उतरोतर विस्तारित करते हुए वर्तमान में अजमेर डेयरी दुग्ध संघ में 1.5 लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता का प्लांट कार्यरत है।
उन्होंने बताया कि जिले में कुल 1099 गांव में से दुग्ध संघ द्वारा 866 गांवों से 727 दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियां पंजीकृत है। भौगोलिक दृष्टि से अजमेर जिला दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में दूसरे स्थान पर आता है। वर्तमान में लगभग 350 लाख लीटर दुग्ध संकलन किया जा रहा है। संकलित दुग्ध प्रसंस्करण की सीमित क्षमता के मद्देनजर दुग्ध संकलन को सीमित मात्रा में ही संकलन किया गया। दुग्ध संकलन की उतरोतर वृद्धि की संभावनाओं को देखते हुए एक नया संयंत्र 8 से 10 लाख लीटर क्षमता प्रतिदिन एवं 30 मैट्रिक टन दुग्ध पाउडर उत्पादन के लिए संयंत्र की आवश्यकता महसूस की गई। दुग्ध संघ के पास स्वंय के नाम के खातेदारी की 132 बीधा जमीन उपलब्ध है, जिसमें इस संयंत्र की स्थापना की गई है।
उन्होंने बताया कि नया संयंत्र 8 से 10 लाख लीटर क्षमता प्रतिदिन मय 30 मैट्रिक टन प्रतिदिन क्षमता का पाउडर प्लांट एवं अन्य दुग्ध उत्पादों का उत्पादन करने का विस्तार पूर्वक विचार दुग्ध संघ की संचालक मण्डल की विभिन्न बैठकों में निर्णयोपरान्त नए संयंत्र का निर्माण कार्य राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड से टर्नकी आधार पर कराया गया।
उन्होंने बताया कि इसके लिए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड आनन्द के अधिकारियों एवं दुग्ध संघ की अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय समिति द्वारा कार्य का आकलन कर विस्तृत परियोजना प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया गया। सिविल निर्माण कार्य पर 7248.98 लाख, प्रसंस्करण उपकरण पर 10631.59 लाख, सर्विस उपकरण पर 4325.33 लाख, अन्य उपकरण पर 319.48 लाख, स्थापना कार्य पर 1214.47 लाख, अन्य व्यय निविदा इत्यादि पर 25 लाख, तकनीकी सेवाओं शुल्क पर 1305.70 लाख तथा टैक्स व जीएसटी पर 195.85 लाख सहित परियोजना की लागत पर कुल 25266.40 लाख रूपये आंकलन किया गया।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय सहकारिता विकास निगम द्वारा एनसीडीसी टर्म लोन 164.23 करोड़, सीएसआईएसएसी सब्सिडी 39.48 करोड़, मेम्बर व संघ शेयर 109.40 करोड सहित कुल 313.11 करोड़ रूपये वित्तीय सहायता प्राप्त करने की संरचना तैयार की गई है। वर्तमान में एनसीडीसी से सब्सिडी के 11 करोड़ बकाया है। इसके पुर्नभुगतान की अवधि 3 साल मोरेटोरियम पीरियड को सम्मिलित करते हुए 8 वर्ष की रहेगी। जिसे दुग्ध संघ अजमेर द्वारा 10 समान अर्धवार्षिक किश्तों में प्रत्येक वर्ष 5 मार्च एवं 5 सितम्बर को भुगतान संघ द्वारा निगम को किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि तरल दुग्ध प्रसंस्करण स्वचलित संयंत्र की लगभग क्षमता 8 लाख लीटर प्रतिदिन है जो कि 10 लाख लीटर प्रतिदिन तक विस्तारित योग्य है, जिसमें 4 लाख लीटर प्रतिदिन दुग्ध पैकिंग फेसिलिटी है। इसके अलावा दुग्ध उत्पाद फलेवर्ड मिल्क पेट बोटल्स में 5 हजार लीटर प्रतिदिन, छाछ पैकेटस में 50 हजार लीटर प्रतिदिन, लस्सी पैकेटस में 5 हजार लीटर प्रतिदिन, पनीर 2 मैट्रिक टन प्रतिदिन, दही 5 मैट्रिक टन प्रतिदिन, श्रीखण्ड 2 मैट्रिक टन प्रतिदिन, आईसक्रीम 10 मैट्रिक टन प्रतिदिन, दुग्ध पाउडर (एसएमपी) 30 मैट्रिक टन प्रतिदिन, टेबल बटर 5 मैट्रिक टन प्रतिदिन, धी 30 मैट्रिक टन प्रतिदिन, ईटीपी संयंत्र 15 लाख लीटर प्रतिदिन उत्पाद क्षमताएं वर्तमान संयंत्र की क्षमताएं है। नए संयंत्र के कार्य करने से पूर्व में स्थापित संयंत्र का उपयोग गाय के दुग्ध प्रसंस्करण एवं उसके दुग्ध उत्पादों के लिए किया जाएगा।

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