रायपुर (Ajmer Muskan)। श्री झूलेलाल मंदिर के संत लाल साई जी के द्वारा चालिहा उत्सव अखंड ज्योत जलाकर आरंभ किया कार्यक्रम की शुरुआत सुबह 10:00 बजे भगवान झूलेलाल बाबा गुरमुख दास के मूर्ति पर माला पहनाकर एवं दीप प्रज्वलित करके की गई। 10:30 बजे ध्वजा वंदन से की गई पंडित पूरन लाल शर्मा के द्वारा विधि विधान से पूजा-अर्चना कराई गई । 11:00 बजे बजे गौ माता की पूजा की गई एवं गौ माता का नामकरण किया गया । गौ माता का नाम रुकमणी रखा गया एवं उसके बछिया का नाम विंदा रखा गया। 11:30 बजे चालिहा की अखंड ज्योत प्रज्वलित संत लाल साई व पंडित पूरन लाल शर्मा के द्वारा की गई 12:00 बजे दिलीप मोटवानी के द्वारा भगवान झूलेलाल जी की कथा आरंभ की गई यह कथा प्रतिदिन सुबह 10:00 बजे आरंभ होगी, 40 दिनों तक चलती रहेगी। 12:30 बजे आरती की गई अरदास की गई पल्लव पाया गया एवं प्रसाद वितरण किया गया । 1:00 बजे साईं के द्वारा ढोल बाजे के साथ तलाब पहुंचे एवं विधि विधान से चालिहा उत्सव की प्रथम दिन की पूजा की। श्री झूलेलाल चालिहा उत्सव 1060 सालों से सिंध के समय से ही मनाते आ रहे हैं चालिहा उत्सव साल में दो बार मनाया जाता है जाता है।
सिंधु में दो जगह ऐसी थी जिसे अपर और लोवर कहा जाता है । लोवर में ठंड के समय चालिहा उत्सव मनाया जाता है, क्योंकि जुलाई माह में लोवर में गर्मी पड़ती है। इसलिए हमारे भारत देश में भी चालीहा उत्सव जुलाई एवं दिवाली के बाद जब ठंड शुरू होती है तब मनाया जाता है चकरभाटा में चालिया उत्सव दिवाली के बाद मनाया जाता है । इसकी शुरुआत आज 16 दिसंबर 2020 से शुरू हुई प्रथम दिन है समापन 24 जनवरी 2021 को साईं के दिव्य दर्शन के साथ ही होगा।
40 दिनों में देशभर में लोगों ने मनोकामना हेतु घाघर घर में रखी है, इसकी सुबह शाम आरती पूजा होगी एव झूले लाल के धूनी से घर एवं मंदिर भक्ति में में डूबे रहेंगे।
संतलाल साइ जी 40 दिनों तक मौन व्रत रहेंगे
मंदिर में सुबह शाम नित्य नेम आरती सुबह 9:00 बजे भगवान झूलेलाल जी की कथा का पाठ 10:00 बजे शाम की आरती 7:00 बजे एवं 10:00 बजे झूलेलाल धूनी
भक्तजन घर बैठे ही सोशल मीडिया के माध्यम से आरती और झूलेलाल धूनी का लाभ ले सकते हैं । इस पूरे कार्यक्रम को सफल बनाने में 40 दिनों तक बाबा गुरमुखदास सेवा समिति झूलेलाल सखी सेवा ग्रुप पूज्य सिंधी पंचायत चकरभाठा के सभी सदस्यों का पतिदेव सहयोग मिलता है।
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