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अजमेर डिस्कॉम में उपकरणों का फर्जीवाड़ा तीन अफसरों और तीन कर्मचारियों के खिलाफ दर्ज होगी एफआईआर

अजमेर विद्युत वितरण निगम

एसीबी को सौंपा जाएगा मामला प्रबंध निदेशक वी एस भाटी के निर्देश , सचिव ने जारी किए आदेश

अजमेर (Ajmer Muskan)। अजमेर विद्युत वितरण निगम ने प्रतापगढ़ में स्टोर और सब डिवीजन में उपकरणों में हेराफेरी के मामले में सख्त निर्णय लिया है। मामले में निलंबित किए गए तीन अफसरों और तीन कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। साथ ही यह मामला एन्टी करप्शन ब्यूरो को भी सौंपा जाएगा। प्रतापगढ़ अधीक्षण अभियंता को 7 दिन में कार्यवाही के लिए निर्देशित किया गया है।

अजमेर विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक वी.एस. भाटी के निर्देश पर सचिव एन एल राठी ने निर्देश जारी किए। प्रतापगढ़ के अधीक्षण अभियंता को निर्देशित किया गया है कि उपकरणों की हेराफेरी के प्रकरण में लिप्त पाए गए अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाए। इसके साथ ही मामला एंटी करप्शन ब्यूरो को भी सौंपा जाएगा।

यह था मामला

डिस्कॉम प्रबन्ध निदेशक वी एस भाटी को सूचना मिली थी कि प्रतापगढ़ में विद्युत कनेक्शन देने के लिए काम आने वाले सामान में स्टोर और सब डिवीजन स्तर पर  अनियमितताएं की जा रही हैं। सूचना को गंभीरता से लेते हुए प्रबंध निदेशक ने तुरंत जांच के आदेश दिए। निगम की जांच टीम ने प्रतापगढ़ स्टोर में जांच शुरू की तो पता चला कि 137 सब स्टेशन  से भरा ट्रक सप्लाई देने वाली फर्म शान्वी प्लास्टिक प्रोडक्ट जयपुर से चला लेकिन स्टोर में कोई एन्ट्री नहीं मिली। यहां तैनात सहायक भंडार नियंत्रक पी.सी. बुंदेला ने बताया कि ट्रक सीधे ही दलोट और अरनोद उपखंडों के सहायक अभियंता कार्यालयों में खाली करवा लिया गया। इनमें 50 सेट अरनोद व 87 सेट दलोट में उतारे गए। जांच दल ने मौके पर जाकर देखा तो दोनों ही जगह सामान नही मिले। दलोट में दूसरी फर्म के कुछ सेट मिले लेकिन शान्वी प्लास्टिक के सामान नहीं थे।

जिम्मेदार सहायक अभियंताओं एवं कर्मचारियों ने बहाना बनाया कि सेट फील्ड में अलॉट कर दिए गए। लेकिन वे जांचकर्ताओं को संतुष्ट नहीं कर सके। जब दबाव पड़ा तो सहायक नियंत्रक भंडार बुंदेला, कार्यवाहक सहायक अभियंता अरनोद नरेंद्र सिंह व कार्यवाहक सहायक अभियंता दलोट रविशंकर ने 25 अक्टूबर को फर्म से सेट मिलने को बहाना बनाया लेकिन जांच में वे सेट भी दूसरी कंपनी के ही निकले। जांच में फर्जीवाड़ा साबित होते ही सहायक भंडार नियंत्रक पी सी बुंदेला, कार्यवाहक सहायक अभियंता नरेंद्र सिंह,कार्यवाहक सहायक अभियंता रविशंकर, दलोट स्टोर इंचार्ज दुर्गा लाल नागर, तकनीकी सहायक प्रतापगढ़ अभय सिंह राव, तकनीकी सहायक  अरनोद मुकेश कसाना को निलंबित कर दिया गया।

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