अजमेर (Ajmer Muskan)। संभागीय आयुक्त डॉ. वीणा प्रधान जिले में संचालित विभिन्न विभागीय योजनाओं की समीक्षा के दौरान गुरूवार को कलेक्ट्रेट सभागार में संबंध में आवश्यक निर्देश प्रदान किए। जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित एवं पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप ने जिले की प्रगति से अवगत कराया।
संभागीय आयुक्त डॉ. वीणा प्रधान ने कहा कि सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का उद्देश्य पात्र व्यक्तियों को लाभांवित करना है। प्रत्येक पात्र व्यक्ति को योजनाओं से जोड़ने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए। महात्मा गांधी नरेगा योजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों को रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है। श्रमिकों की औसत मजदूरी बढाने के लिए नरेगा में कार्यरत मेटों को पर्याप्त प्रशिक्षित किया जाना आवश्यक है। मेटों को श्रमिकों को अधिक काम-अधिक मजदूरी के संबंध में प्रेरित करने की दिशा में भी कार्य किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में खेल की प्रतिभाएं विद्यमान है। इन्हें आगे लाने के लिए उचित संसाधन मिलने चाहिए। सरकार द्वारा प्रत्येक ग्राम पंचायत में खेल के मैदान विकसित किए जाने का कार्य किया जा रहा है। जिला परिषद को खेल के मैदान के विकास पर भी विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। ग्रामीण क्षेत्रों में नए परिवारों को भी शौचालयों का निर्माण एवं उपयोग करने के लिए प्रेरित किया जाए।
उन्होंने कहा कि जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग को ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल व्यवस्थाएं सुदृढ करने की आवश्यकता है। वर्तमान में पेयजल सप्लाई के समय अन्तराल को 72 घंटे से कम करके 48 घंटे पर लाने के लिए प्रयास किए जाए। पाईपलाइन डालने के उपरांत सड़कों की मरम्मत आवश्यक रूप से की जाए।
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा 12 नवम्बर से पूर्व जिले की सड़कों से संबंधित समस्त पेचवर्क के कार्य पूर्ण कर लिए जाए। ग्राम पंचायतों में बनने वाले विकास पथ के कार्य के लक्ष्यों को दिसम्बर तक पूर्ण किया जाना चाहिए। जिले में नए रास्ते खुलवाने तथा चालू रास्तों को राजस्व रिकार्ड में अंकन करवाने में बाधक तत्वों के साथ समझाइश की जाए। समझाइश के उपरांत नहीं मानने वाले व्यक्तियों को पाबंद करने की कार्यवाही की जाए।
उन्होंने कहा कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के पेंडिग प्रस्तावों को निस्तारित किया जाए। डुप्लीकेट राशन कार्डों को डिलीट करने की कार्यवाही की जाए। निःशुल्क दवा योजना के अंतर्गत प्रत्येक चिकित्सा संस्थान में दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित रहनी चाहिए। उच्च अधिकारियों द्वारा जांच के दौरान अनुपस्थित पाए गए कार्मिकों के विरूद्ध तुरन्त प्रभाव से कार्यवाही अमल में लाई जानी आवश्यक है।
इस अवसर पर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गजेन्द्र सिंह राठौड़, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुरारी लाल वर्मा, डीओआईटी के अखिलेश मित्तल, अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस.एस. जोधा, संयुक्त निदेशक रूद्रा रेणु सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
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