राजसमंद (Ajmer Muskan)। प्रज्ञा विहार कांकरोली में बिराज रहे मुनि प्रसन्न कुमार का जन्मोत्सव मनाया गया। मुनि ने फरमाया कि सादगी और संकल्पों के साथ जन्मदिन मनाना सार्थक होता है। जन्मदिन पर संकल्प होना चाहिए कि योगी ना बन सको तो उपयोगी बनो। मुनि ने अपने 68 वें जन्मदिवस पर कहा कि जन्मदिवस उसी का सफल होता है जो अध्यात्म के मार्ग पर चलता हुआ स्वयं का कल्याण करते हुए दूसरों के कल्याण में लगे। परार्थ-परमार्थ के कार्यों में लगने वाला व्यक्ति पतित पावन का कार्य करता है वह महापुरुषों की कोटि में आता है। ऐसे बहुत लोग हैं जो अपने आपको उपयोगी नहीं बना सके महात्मा सदात्मा नहीं बन सको तो दुरात्मा भी नहीं बनना चाहिए मुनि ने कहा कि हमारे माता पिता ने 3 पुत्र व एक पौत्र को महात्मा बना दिया। आज पूरे देश में 50 वर्षों से पैदल यात्रा कर लाखों-लाखों को पावन बना रहे हैं। कुछ भाई बहन अपने यार दोस्त सगे संबंधियों के सामने दीप जलाने, मोमबत्ती जलाने व केक काटकर आडंबर करने वाले प्रदर्शन तो बहुत करते हैं, किंतु अपने जीवन में परोपकार करने का एक भी संकल्प नहीं लेते हैं।
मुनि के जन्मदिन को पूर्ण सादगी त्याग तप और वैराग्य से मनाया गया। मुनि 35 वर्षों से 24 घंटे में मात्र डेढ़ घंटे ही खाने की छूट बाकी पानी के अलावा कुछ नहीं लेने का संकल्प चल रहा है। दूध चाय 20 से 40 वर्षों से नहीं लेते। त्यागी, वैरागी, मेवाड़ी मैराथन मेवाड़ (दिवेर) के गौरव मुनि के जन्मदिवस पर अनेक लोगों ने मंगल कामना शुभकामना की है।
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