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संस्कृत शिक्षा राज्य मंत्री ने किया शाला दर्पण पोर्टल का उद्घाटन


संस्कृत शिक्षा के प्रत्येक विद्यालय में 50 प्रतिशत से अधिक पदों को भरा जाना किया जाएगा सुनिश्चित - संस्कृत शिक्षा राज्य मंत्री

जयपुर (Ajmer Muskan)। संस्कृत शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने बुधवार को शाला दर्पण पोर्टल का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि संस्कृत शिक्षा के प्रत्येक विद्यालय में 50 प्रतिशत से अधिक पदों को भरा जाना सुनिश्चित किया जाएगा।

संस्कृत शिक्षा राज्य मंत्री ने संस्कृत शिक्षा सचिव सुचि शर्मा, उप शासन सचिव संस्कृत शिक्षा रामानन्द शर्मा, संस्कृत शिक्षा निदेशक दीर्घराम रामस्नेही की उपस्थिति में शिक्षा संकुल में आयोजित शाला दर्पण पोर्टल उद्घाटन कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि इस पोर्टल के माध्यम से संस्कृत शिक्षा के कार्य सुविधा जनक एवं त्वरित गति से होंगे। पोर्टल में संस्कृत शिक्षा की सूचनाओं का ऑनलाइन अपडेशन उपलब्ध होगा। उन्होंने सलाह दी कि इस पोर्टल से देववाणी एप को भी जोड़ा जाए।

डॉ. गर्ग ने कहा कि वे संस्कृत शिक्षा में अभी बहुत कार्य किया जाना है। उन्होंने कहा कि अभी सुधारों की काफी गुंजाइश है। संस्कृत शिक्षा में आई.टी. के उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अभी विभाग में आरपीएससी से चयनित 588 अभ्यर्थियों को कल ही वरिष्ठ अध्यापकों के पदों पर नियुक्ति दी गई हैं। विभाग में लम्बे समय से लम्बित डीपीसी को सम्पादित करवाया गया है। संस्कृत शिक्षा में नवाचारों को प्रोत्साहित किया जाएगा।

संस्कृत शिक्षा सचिव सुचि शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि संस्कृत शिक्षा में शाला दर्पण संस्कृत शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग के अथक प्रयासों और विजन का ही सुपरिणाम है। उन्होंने कहा कि यह विभाग के कार्यो में दक्षता लाएगा। विभाग के डेटा सिंगल क्लिक पर उपलब्ध होंगे। शाला दर्पण विजिलेंस और सुपरविजन में सहायक सिद्ध होगा।

उल्लेखनीय है कि संस्कृत शिक्षा विभाग के अधीन समस्त राजकीय संस्कृत विद्यालयों का सामान्य शिक्षा के अनुरूप नॉडल केन्द्र अनुसार विद्यालयों को मेपिंग करवा दिया गया है। संस्कृत शिक्षा विभाग के स्कूल विंग में कार्यरत लगभग 7300 कार्मिकों/शिक्षकों के डेटा का शाला दर्पण पोर्टल पर संग्रहण/फीडिंग करवा लिया गया है।

विभाग के 382 राजकीय वरिष्ठ उपाध्याय एवं प्रवेशिका विद्यालयों के समस्त स्वीकृत पदों की विद्यालयवार मेपिंग करवा ली गई है। उक्त वरिष्ठ उपाध्याय एवं प्रवेशिका विद्यालयों के कार्यरत शिक्षकों/कार्मिकों की नियमानुसार मेपिंग करदा दी गई है। इसके कारण इन विद्यालयों के कार्मिकों/शिक्षकों की यथा स्थिति व रिक्तियों ऑनलाइन पोर्टल पर दर्शायी जा रही है एवं प्राथमिक व उच्च प्राथमिक संस्कृत विद्यालयों के शिक्षकों की मेपिंग लेवल व विषय निर्धारण प्रक्रिया पूर्ण होने के उपरान्त किया जाना है।

पोर्टल पर सभी विद्यार्थियों की कक्षा, वर्गवार डाटा लिया गया है एवं तत्संबंधित रिपॉर्ट पॉर्टल पर उपलब्ध करवा दी गई है। प्रवेश, टी.सी, क्रमोन्नति प्रमाण पत्र जैसे कार्य ऑनलाइन पॉर्टल से ही किए जा रहे है। शाला दर्पण पोर्टल पर ऑनलाइन प्रविष्ट किए गए डेटा के आधार पर लगभग 4000 तृतीय श्रेणी शिक्षक जो कि 2017 से पूर्व नियुक्त हैं, का विभागीय नियमानुसार लेवल व विषय निर्धारित कर दिए गए हैं। इनकी आज से ही यथा स्थिति विद्यालयवार प्रदर्शित करने के निर्देश दे दिए गए है।

सामान्य शिक्षा विभाग के अनुरूप पिछले 5 साल से विलम्ब चल रहे पॉर्टल संबंधित मुख्य कार्य को विभाग द्वारा लगभग 1 वर्ष में पूर्ण कर दिया गया है एवं शेष कार्य अर्थात विभिन्न मॉड्यूल भी निरंतर संपादित करवाने के निर्देश दिए गए है ताकि समस्त जानकारी ऑनलाइन यथा समय अपडेट रहें। मुख्यमंत्री की बजट घोषणा अनुसार संस्कृत शिक्षा विभाग में स्टाफ विण्डो शुरू करने के लिए कार्मिकों/शिक्षकों की ऑनलाइन रिलीविंग/जॉइनिंग सहित आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं।



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