कैंसर सर्जन डाॅ अर्पित जैन ने मित्तल हाॅस्पिटल में किया यह जटिल ऑपरेशन
अजमेर (Ajmer Muskan) । राजस्थान का पहला, दूरबीन से स्तन कैंसर आॅपरेशन कैंसर सर्जन डाॅ अर्पित जैन ने अजमेर के मित्तल हाॅस्पिटल में किया। रोगी के बिना ड्रेन पाइप लगाए, मात्र तीन छोटे चीरे से वह भी दर्द दिए बिना आॅपरेशन कर दिया गया और अगले ही दिन छुट्टी दे दी गई।
दूरबीन से स्तन कैंसर सर्जरी का लाभ पाने वाली राजगढ़, नसीराबाद निवासी 63 वर्षीय पीड़िता पूर्व सैनिक शम्भूलाल की विधवा गीता देवी हैं । उन्हें छाती में दर्द से स्तन में गांठ होने का पता चला था। जिसकी पहली जांच रिपोर्ट निगेटिव आने पर उन्होंने चीरा लगवाकर गांठ निकलवा दी थी। बाद में गांठ की बायोप्सी जांच रिपोर्ट आई जिसमें गांठ कैंसर की होना ज्ञात हुआ। मित्तल हाॅस्पिटल के कैंसर सर्जन डाॅ अपित जैन से सलाह ली गई। उन्होंने बताया कि जब तक बगल (कांख) की अन्य गांठें नहीं निकाली जाएंगी स्तन कैंसर का यह आॅपरेशन अधूरा ही रहेगा, बगल की गांठें निकालने पर ही स्तन कैंसर का सम्पूर्ण निदान होगा। उन्होंने देरी करे बिना एक और आॅपरेशन कराने की जरूरत बताई।
बकौल गीता देवी दोबारा ऑपरेशन का पता चलने पर घर में बहु- बच्चों की चिंता बढ़ने लगी। कोरोना काल में कैंसर के उपचार के लिए कहा जाएंगे, इस विचार से ही सभी परेशान थे। स्वयं पहले से मधुमेह और दिल की बीमारी से ग्रसित भी हैं।
कैंसर सर्जन डाॅ अर्पित जैन के अनुसार गीता देवी पहले ही बड़े चीरे से एक सर्जरी करा चुकीं थीं इसलिए दूरबीन से स्तन कैंसर का आॅपरेशन प्लान किया गया। डाॅ अर्पित की मानें तो राजस्थान का यह पहला ऑपरेशन है। यह बहुत ही जटिल जरूर रहा किन्तु इसमें रोगी को काफी राहत रही। दरअसल इसकी जटिलता इसलिए थी कि जहां सर्जरी की जानी होती है वहां पर्याप्त जगह ही नहीं मिलती है। उन्होंने बताया कि पीड़ित के बगल में तीन बहुत ही मामूली से चीरे लगाए गए और स्तन कैंसर से संबंधित बगल की सारी गांठें निकाल दी गईं। इस तरह सर्जरी में रोगी के बगल में ड्रेन पाइप लगाने की जरूरत नहीं रहती। परम्परागत सर्जरी में रोगी के ड्रेन पाइप लगाया जाता है जो 10 से 12 दिन तक रहता है। साथ ही रोगी के बड़ा चीरा भी लगता है जो काफी दर्द देता है और निशान भी छोड़ जाता है। एक तरह से यह सर्जरी काॅस्मेटिक सर्जरी रही। रोगी ने आराम से अपना नियमित व्यायाम सर्जरी के दिन से ही करना शुरू कर दिया। डाॅ अर्पित जैन ने बताया कि इसमें कोई दोराय नहीं कि ऐसे आॅपरेशन में रोगी का चयन और तकनीकी दक्षता प्रमुख है।
वर्तमान में स्तन कैंसर नंबर एक पर-
कैंसर रोगों में स्तन कैंसर सबसे सामान्य है। वर्तमान में यह गर्भाश्य ग्रीवा कैंसर से भी आगे निकल गया है। कम आयु वर्ग यानी 25 से 50 आयु वर्ग की महिलाओं में स्तन कैंसर आम हो गया है। स्थिति यह है कि भारत में हर चार मिनट में एक महिला को स्तन कैंसर से पीड़ित पाया जा रहा है। वहीं हर 13 मिनट में स्तन कैंसर से एक महिला की मौत हो रही है। हालात यह है कि भारत में प्रत्येक शहर की 25 से 32 प्रतिशत महिलाएं स्तन कैंसर से ग्रस्त हैं।
डॉ अर्पित ने कहा कि कैंसर रोग के तेजी से बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए ही अक्टूबर को कैंसर जागरूकता माह कहा जाता है।
स्तन कैंसर उपचार योग्य बीमारी-
डाॅ अर्पित जैन ने कहा कि स्तन कैंसर उपचार योग्य बीमारी है। किन्तु जानकारी के अभाव एवं जांच में देरी के कारण इस रोग से पीड़ित महिलाओं की मृत्युदर अधिक है। उन्होंने बताया कि महिलाएं 20 की उम्र के बाद अपने स्तन का स्व- परीक्षण करती रहें। किसी भी तरह की असामान्य स्थिति महसूस होने पर चिकित्सक से सलाह लें और आवश्यक जांच कराएं।
निदेशक मनोज मित्तल ने बताया कि मित्तल हाॅस्पिटल गत पंद्रह सालों से संभागवासियों को भरोसेमंद चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं दे रहा है।
मित्तल हॉस्पिटल में सुपरस्पेशियलिटी सेवाओं जैसे हृदयरोग, कैंसर रोग, न्यूरो रोग, गुर्दारोग, पथरी, प्रौस्टेट एवं मूत्र रोगों में ऑपरेशन के लिए आयुष्मान भारत महात्मागांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत निःशुल्क सेवाएं उपलब्ध हैं। अन्य विभिन्न रोगों में अत्याधुनिक तकनीक एवं दूरबीन से जांच, कैंसर के सभी प्रकार के आॅपरेशन एवं थैरेपी की सुविधाएं भी यहां हैं।
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