बच्चों ने सिंधियत के गीत सुनाकर सबका मन जीता
जयपुर (Ajmer Muskan) । राष्ट्रीय सिंधी समाज द्वारा आयोजित ऑन लाइन गीत संगीत बारन जी फुलवारी कार्यक्रम में 10 से 15 साल के बच्चों ने शाह कवि बेबस संत कंवर राम देवकी नागरानी डॉलर प्राइस डॉलर राही के लिखे गीत और तनाव प्रस्तुत कर वर्चुअल कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्तर से जुड़े विद्वानों का दिल जीत लिया। गुलशन माखीजा ने न रहनदे तू न रहंदम मां लाए कार्यक्रम की शुरुआत की ( तुम रहोगे ना हम रहेंगे फिर आपस में यह लड़ाई क्यों ), भूमि रोचवानी ने कवि बेबस का लिखा गीत " सिंध मुहिंजी अम्मां छा लिखी छा चंवां " प्रस्तुत किया । ( सिन्धी बोली हमारी मां है इसके लिए हम क्या लिखें और क्या बोले ), अनोखी आहूजा खैरथल से ने पेरे पवंदी सा रही वठ रात भंभोड़ में गाकर मशहूर कलाम पेश किया । जयपुर से रुचिका चंदानी काफी दिनों से अस्पताल मैं भर्ती थी । इसके बावजूद केसियो पर खुद ही संगीत देते हुए नाले अलख जे बेडो तार मुंहिंजो संत कंवर राम का गीत सुना कर आयोजकों की तालियां बटोरी। भीलवाड़ा से मनन पुरस्वानी ने तूहिंजी कावड़ में कुर्ब घनो सुनाकर कार्यक्रम को उंचाईयां दी। देवास प्राधिकरण के पूर्व अध्यक्ष मध्य प्रदेश सिंधी काउंसिल के अध्यक्ष मनोज राजानी ने बच्चों की प्रस्तुति पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि यह हमारी सिंधियत के भविष्य हैं। इतनी छोटी उम्र होने के बावजूद इन्होंने हर कलाम और गीत बेहद खूबसूरत तरीके से गाया है ।
राजस्थान सिन्धी अकादमी के पूर्व अध्यक्ष डॉ लाल थदानी ने बच्चों से आग्रह किया कि वे राष्ट्रीय सिंधी समाज के साथ जुड़कर सिन्धी बोली , भाषा , सभ्यता और संस्कृति के संरक्षण संवर्धन के ब्रांड एंबेसडर के रूप में काम करें और वे विभिन्न मंचों पर उनके कार्यक्रम आयोजित करने का प्रयास करेंगे । कार्यक्रम का संचालन करते हुए राष्ट्रीय सिंधी समाज महिला उपाध्यक्ष अनीता शिवनानी ने बच्चों का परिचय दिया और उनके मां बाप और उनके गुरुओं का नमन किया कि इतनी छोटी उम्र में बच्चों को सिंधी गीत संगीत के लिए प्रेरित किया है । महासचिव मुकेश सचदेव ने राष्ट्रीय सिंधी समाज के उद्देश्यों का जिक्र करते हुए जानकारी दी की संस्थापक अध्यक्ष उनके पिता नंदलाल सचदेव ने सिंधी समाज की समस्याओं के निराकरण के लिए 5 प्रधानमंत्रीयों से शिष्टमंडल के साथ मुलाकात की जिसमें डॉ लाल थदानी और कमल वरदानी भी शामिल थे।
राष्ट्रीय सूत्रधार ललित अगनानी ने वर्चुअल कार्यक्रम में मौजूद अतिथियों को जानकारी दी कि मोहन जो दड़ो और सिंधु का इतिहास प्राचीनतम है और हिंदुस्तान के स्वतंत्रता संग्राम में हमारे योगदान की भी महत्वता है । राजा दाहिरसेन, शहीद हेमू कालानी, रानी लाडी बाई की शौर्य गाथा किसी से भी कम नहीं है। वे शहीद हेमू कालानी पर हिंदी में फिल्म बना रहे हैं । अध्यक्ष कमल वरदानी ने जानकारी दी कि राष्ट्रीय सिंधी समाज ने कोरोनावायरस के चलते पूरे राष्ट्र में विभिन्न प्रदेशों के होने वालों को मंच देखकर सफलतम कार्यक्रम दिए हैं उसी कड़ी में आज यह बच्चों का कार्यक्रम रखा गया है । अंत में भाउ गुल माखीजानी ने सब का आभार व्यक्त किया ।
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