मित्तल हाॅस्पिटल के हाॅर्ट एंड वास्कुलर सर्जन डाॅ विवेक रावत ने किया ऑपरेशन
अजमेर (Ajmer Muskan) । राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में चिंहित, जन्मजात दिल से निकलने वाली नस में तकलीफ (पीडीए) से ग्रसित 8 वर्षीय मासूम बच्ची लता का अजमेर के मित्तल हाॅस्पिटल में निःशुल्क उपचार हो गया। अब वह स्वस्थ है, उसे हाॅस्पिटल से छुट्टी दी जा चुकी है।
पाली जिले के रोहट तहसील स्थित ग्राम दूदिया निवासी खेतीहर मजदूर जोगाराम के अनुसार उसकी बेटी लता जन्म से ही दिल की तकलीफ से ग्रसित थी। शुरू में चिकित्सकों ने जांच कर उसके उपचार के लिए आॅपरेशन कराने की सलाह दी थी किन्तु उसके पास पर्याप्त धन नहीं होने से वह भगवान भरोसे चुप बैठ गया।
पिछले दिनों गांव की ही आंगनबाड़ी स्कूल में बच्चों के स्वास्थ्य जांच के लिए पहुंची मोबाइल हैल्थ टीम ने स्क्रीनिंग के दौरान बच्ची को चिंहित कर उसका नाम जिला स्तर पर रैफर किया था। पाली के सीएमएचओ डाॅ. आर पी मिर्धा, आरसीएचओ डाॅ. उजमा जबीन तथा एडीएनओ डाॅ शिवशंकर शर्मा ने उनकी बहुत मदद की। उन्होंने ही बच्ची को अजमेर के मित्तल हाॅस्पिटल भेजा जहां दिल के डॉक्टर विवेक रावत ने बच्ची का आॅपरेशन कर उसे ठीक कर दिया। बच्ची अब स्वस्थ है मजे से खा-पी रही है और अच्छी बाते करने लगी है।
हार्ट एंड वास्कुलर सर्जन डाॅ विवेक रावत ने बताया कि दिल की महाधमनी से निकलने वाली नस जो पल्मोनरी धमनी (हृदय से फेफड़ों तक रक्त पहुंचाने वाली) से जुड़ती है, वह जन्म के 10 से 14 दिन बाद स्वतः बंद हो जाती है। इस बच्ची के यह नस स्वतः बंद नहीं हुई इसलिए इसे परेशानी होती थी। बच्ची का समान्य बच्चों की तरह विकास नहीं हो पा रहा था। उसे हमेशा निमोनिया रहता था। शरीर में कमजोरी रहती थी। खेलते हुए जल्दी थक जाती थी। जिसके कारण वह अन्य बच्चों की तरह सामान्य जीवन नहीं जी पा रही थी।
डाॅ विवेक रावत की माने तो उन्होंने छाती के बाएं ओर से छोटा चीरा लगाकर बच्ची की उस नस को बंद कर दिया। साथ ही बच्ची को आॅपरेशन के दूसरे दिन ही हाॅस्पिटल से छुट्टी दे दी।
यहां उल्लेखनीय है कि कोरोना काल में जब सरकारी अस्पतालों में भी सिर्फ इमरजेंसी आॅपरेशन किए जा रहे हैं, मित्तल हॉस्पिटल आरबीएसके एवं आयुष्मान भारत महात्मागांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा जैसी सरकारी योजनाओं में नि:शुल्क आॅपरेशन भी पूरी शिद्दत से कर रहा है।
डॉ विवेक रावत ने बताया स्वस्थ हृदय हम सभी सके स्वास्थ्य की कुंजी है। कोरोना काल में तो इसे संभालना ही है। हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाए, तनाव कम करें और ठीक से नींद लेवें, नियमित व्यायाम करें व पोषक आहार लें।
निदेशक डाॅ दिलीप मित्तल ने बताया कि राज्य सरकार के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम ( आर.बी.एस.के ) अन्तर्गत उपचार के लिए मित्तल हाॅस्पिटल को मान्यता प्रदान की है। डाॅ मित्तल ने बताया कि इसमें बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण सभी सरकारी विद्यालयों व आंगनबाड़ी केंद्रों पर समर्पित मोबाइल हैल्थ टीम के द्वारा कराया जाता है। बच्चों में संभावित विकारों की जांच कर उन्हें संबंधित गठित समिति द्वारा चिंहित किया जाता है और उन्हें बड़े चिकित्सालयों में भेज कर निःशुल्क रोग निदान मुहैया कराया जाता है।
यहां ध्यान देने योग्य बात है कि जन्मजात विकार -विकृति में पोषक तत्वों जैसे विटामिनों की कमी से होने वाले विकार, गंभीर बीमारी से पीड़ित अथवा शारीरिक विकास में कमी व शारीरिक अयोग्यता वाले बच्चों को इस योजना में शामिल किया गया है। यदि कोई बच्चा सूचिबद्ध 30 चिंहित बीमारियों जैसे हृदय में वाॅल्व की खराबी, दिल में छेद, अन्य दिल संबंधित जन्मजात विकार आदि अन्य किसी तरह की शारीरिक अयोग्यता आदि से ग्रसित पाया जाता है तो इसे आगे इलाज के लिए रैफरल फोलोअप निःशुल्क प्रदान किया जाता है। कार्यक्रम के तहत जिन बच्चों के सर्जिकल इलाज की जरूरत होती है वह भी निःशुल्क मुहैया कराया जाता है।
निदेशक मनोज मित्तल ने बताया कि मित्तल हाॅस्पिटल ने अब तक तकरीबन 50 रोगियों को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अन्तर्गत तथा लगभग 3675 रोगियों को आयुष्मान भारत महात्मागांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत निशुल्क उपचार मुहैया कराया है।
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