जोधपुर। सिन्धी समाज की ओर से थदड़ी पर्व 'वदी सतहिं' के रुप में सोमवार को हर घर मे मनाया जाएगा। थदड़ी का हिंदी अर्थ ठंडा/शीतल रहना है।
समाज की महिलाएं इस दिन घरों में चूल्हा नहीं जलाती। पूर्व संध्या रविवार को विभिन्न व्यंजन जिनमें मीठी मानी,खट्टा,मीठा, भात, औलिया, पकवान, चौथ, खोरा नानकताई,सिन्धी मिठाण,रायता इत्यादि तैयार करके ठंडे किए जाएंगे। सोमवार को शीतला माता को भोग चढ़ाया जाएगा साथ ही पीपल व जल पूजन कर क्षेत्र के सिन्धी ब्राह्मण (पंडितों), गुरुजनों व बुजुर्गों से आशीर्वाद लेने के बाद परिवार के सदस्य ठंडे व्यंजनों सेवन करेंगे।
कोरोना संकट से मुक्ति व विश्व कल्याण के लिये पल्लव,अरदास (प्रार्थना) की जायेंगी।
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