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स्वतंत्रता सेनानी ईसर सिंह बेदी की देह पंचतत्व में विलीन

राजकीय सम्मान से हुआ अंतिम संस्कार


मुख्यमंत्री तथा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने जताया शोक


अजमेर। स्वतंत्रता सेनानी ईसर सिंह बेदी का शनिवार को निधन हो गया। उनकी पार्थिव देह का अंतिम संस्कार रविवार को राजकीय सम्मान से कर दिया गया। उनके निधन पर मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत तथा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने शोक व्यक्त किया है।


स्वतंत्रता सेनानी ईसर सिंह बेदी ने 93 वर्ष की उम्र में शनिवार को अंतिम सांस ली थी। उनका जन्म 23 अक्टूबर 1927 को वर्तमान पाकिस्तान के सिंध प्रांत में हुआ था। उन्होंने अपने अग्रज दयाल सिंह बेदी का अनुसरण करते हुए बाल्यकाल से ही आजादी के संघर्ष में भाग लेना आरम्भ कर दिया था। मात्र 12 वर्ष की आयु में खुलकर आंदोलन करने पर उनको जेल भी जाना पडा था। सिंघ में आजादी के संघर्ष के दौरान दो बार जेल गए तथा कई बार कोड़ों की सजा मिली। आजादी के पश्चात भारत विभाजन होने पर उन्होंने अजमेर में अपना निवास स्थान बनाया।


बेदी को सरकार तथा सामाजिक संस्थान द्वारा कई बार सम्मानित किया गया है। राष्ट्रपति द्वारा भी चार बार सम्मानित हो चुके हैं। उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द तथा पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल एवं प्रणब मुखर्जी ने सम्मानित किया। उन्होंने रेलवे में 38 वर्ष तक सेवाएं दी। वर्ष 1985 में राजकीय सेवा से सेवानिवृत होकर समाज सेवा से जुड़ गए। उन्होंने सिन्धी तथा हिन्दी भाषा के उन्नयन के लिए अध्यापन भी करवाया।


बेदी के पौत्र मनीष बेदी के अनुसार वर्तमान में उनके चार पुत्र इन्द्र सिंह, हरीश, प्रदीप व हनी एवं चार पुत्रियां हीरू, ऊषा, कमल तथा रीता है। इनके 19 पोते-पोतियां, दोहिते-दोहितिया है। इनके निधन पर शोक संतप्त परिवार को पूर्व विधायक डॉ. गोपाल बाहेती, अध्यक्ष विजय जैन, स्वंतत्रता सेनानी शोभाराम गहरवार ने ढांढस बंधाया । बेदी की पार्थिव देह को गार्ड सलामी दी गई। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप तथा अतिरिक्त जिला कलेक्टर विशाल दवे ने पुष्पचक्र अर्जित किए।


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