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पॉजिटिव की संख्या से डरें नहीं, प्रशासन के निर्देशों का करें पालन

दुनिया की बात हो, भारत की बात हो या फिर अजमेर शहर की बात हो, कोरोना वायरस (Corona Virus) से संक्रमित लोगों का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है। लेकिन, बड़ा प्रश्न यह है कि क्या बढ़ते आंकड़े से डरने की जरूरत है? दरअसल, डरना तो बिलकुल भी नहीं चाहिए। इसे रोकने के लिए सबसे बड़ी चीज है सतर्कता, सावधानी और शासन-प्रशासन के साथ पूर्ण सहयोग। क्योंकि जनता के सहयोग के बिना प्रशासन कुछ भी नहीं कर सकता, भले ही उसका तरीका कितना भी सही क्यों न हो। 


अजमेर जिले में की कोरोना सैम्पलिंग और जांच में आई तेजी से संक्रमित लोगों की संख्‍या में वृद्धि हुई है। इसे ऐसे भी देखा जा सकता है कि प्रशासन ने संक्रमित लोगों को समय रहते समाज के बीच से निकाल लिया अन्यथा वे इस संक्रमण को कई गुना बढ़ा भी सकते थे और इससे सैकड़ों दूसरे लोग भी प्रभावित हो सकते थे। दरअसल, इस वायरस संक्रमित और उनके संपर्क में आए लोगों को क्वारंटाइन किया जाए और उनकी उचित देखरेख की जाए। अजमेर प्रशासन इस दिशा में सही कदम उठा भी रहा है।


अजमेर कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने बताया कि कि जिले में अब केवल गंभीर कोरोनो मरीजो को ही अस्पताल में भर्ती किया जाएगा। वेरीमाइल्ड एवं प्री सिम्पटोमेटिक कोरोनो पोजिटिव मरीजो को होम आइसोलेशन अथवा होम क्वारेंटाइन में रखा जाएगा। संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए भिन्न-भिन्न श्रेणी के व्यक्तियों को स्टेट अथवा होम क्वारेंटाइन करने के संबंध में संशोधित प्रक्रिया अपनाई जाएगी। जिला कलेक्टर राजपुरोहित ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को अजमेर जिले में ज्यादा से ज्यादा कोरोना सैम्पलिंग कराने के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा कि बिना लक्षण वाले तथा कम लक्षण वाले कोरोना पॉजीटिव मरीजों को उनके घर पर ही आइसोलेट किया जाए। इसके साथ ही बाहर से आने वाले प्रत्येक व्यक्ति की कोरोना जांच की जाए। लेकिन, इससे घबराने की जरूरत बिलकुल भी नहीं है क्योंकि हमने समय रहते लोगों की पहचान की और उन्हें क्वारंटाइन किया। यही इस बीमारी से लड़ने का सही तरीका भी है। यदि संक्रमित लोगों की पहचान कर उन्हें क्वारंटाइन कर देंगे तो वायरस का फैलाव रुक जाएगा।


अच्छी बात तो यह है कि अब तक 1638 पोजिटिव में से 936 लोग ठीक भी हो चुके हैं। बाकी लोगों को भी ठीक होने के बाद उनके घर भेज दिया जाएगा। सबसे अहम बात तो यह है कि इस बीमारी से लोग ठीक हो जाते हैं, जरूरत बढ़ते संक्रमण को रोकने की है। मरने वालों में ज्यादातर बुजुर्ग ही हैं, जो पहले से अन्य शारीरिक समस्याओं से भी ग्रस्त थे। शहर में कोरोना संक्रमित लोगों की बढ़ती संख्‍या से आतंकित होने की जरूरत बिलकुल भी नहीं है। सबसे खास बात यह है कि यदि इस वायरस को रोकना है तो कार्यस्थलों पर समस्त कार्मिक एवं अन्य आवश्यक रूप से फेस मास्क पहने तथा समुचित सामाजिक दूरी बनाए रखें। सामाजिक स्थानों एवं परिवहन में सामाजिक दूरी की पालना नहीं करने वालों से जुर्माना वसुला जाएगा। दुकानों पर सीमित संख्या में ही व्यक्ति सामाजिक दूरी के साथ एकत्रित होंगे। कार्यस्थलों, आम सुविधाओं और मानव संपर्क में आने वाले सभी पॉइण्ट्स जैसे दरवाजे के हेण्डल, रैलिंग आदि को बार-बार विसंक्रमित करना। व्यक्तियों से यह अपेक्षा की जाती है कि सार्वजनिक संपर्क में आने वाली जगहों को छुने पर साबुन अथवा सेनेटाइजर से हाथों को साफ किया जाए। इसी तरह निजी औद्योगिक व अन्य संस्थानों में भी राज्य सरकार की गाइडलाईन की पालना कि जाए। अपने घरों में रहें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। क्योंकि बचाव ही सबसे बड़ी सुरक्षा है।


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