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मुख्यमंत्री राहत कोष के प्रकरणों पर करें त्वरित कार्यवाही - जिला कलेक्टर

राजस्व अधिकारियों की वीसी के माध्यम से ली बैठक


अजमेर। जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित की अध्यक्षता में जिले के राजस्व अधिकारियों की वीसी के माध्यम से वीसी के माध्यम से बैठक हुई। इसमें मुख्यमंत्री राहत कोष के प्रकरणों पर त्वरित कार्यवाही करने के निर्देश प्रदान किए।


जिला कलेक्टर ने कहा कि मुख्यमंत्री राहत कोष आपदा की स्थिति में पीड़ित परिवार को सहारा प्रदान करने के लिए है। इससे संबंधित प्रकरणों का निष्तारण तीव्र गति से होना आवश्यक है। पीड़ित पक्ष को 24 घण्टें में राहत पहुंचाने का प्रयास होना चाहिए। सड़क दुर्घटना जैसे प्रकरणों में पोस्टमार्टम रिपोर्ट की बाध्यता सरकार द्वारा खत्म की गई है। इसके स्थान पर उपखण्ड मजिस्ट्रेट अथवा संबंधित थाने की रिपोर्ट ही पर्याप्त रहती है। बैंक खाता सम्बंधित सूचना उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में पीड़ित पक्ष को चैक द्वारा भी सहायता उपलब्ध करवाई जा सकती है।


उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री राहत कोष के नवीन प्रकरणों में स्थानीय पटवारी पीड़ित परिवार से मिलकर उन्हें सांत्वना प्रदान करेगा। संबंधित व्यक्ति के उत्तराधिकारी की संपुर्ण सूचना आगामी 24 घंटे में सहायता राशि जारी करने की कार्यवाही की जाएगी। इसी के साथ मुख्यमंत्री राहत कोष के पेंडिंग प्रकरणों का निस्तारण शुक्रवार शाम तक अनिवार्य रूप से किया जाएगा।


उन्होंने कहा कि उपखण्ड क्षेत्र के चिकित्सा संस्थानों में आने वाले इन्फ्लुएन्जा लाईक इलनेस के मरीजो, प्रवासियों तथा कोमोरबिड मरीजो का शत् प्रतिशत कोरोना टेस्ट किया जाना आवश्यक है। इसके लिए प्रति उपखण्ड न्यूनतम 500 व्यक्तियों के सैम्पल लेने के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध करवाये जाऎंगे। संग्रहित किए गए सैम्पलों को समय पर लैब तक पहुंचाने के लिए भी संसाधनों की कमी नहीं रहनी चाहिए। आवश्यकता होने पर निजी एम्बुलैन्स से भी सैम्पल भेजे जाने के लिए उपखण्ड अधिकारी को अधिकृत किया गया है।


उन्होंने कहा कि राजस्व प्रकरणों, सीमांकन के ऑनलाईन प्रकरणों, संपरिवर्तन, राजकीय विभागों एवं संस्थानों को भूमि आवंटन, आबादी के लिए भूमि आरक्षण, सांसद, विधायक, जनप्रतिनिधि एवं अद्र्धशासकिय पत्रों, मुख्यमंत्री राहत कोष, भूअभिलेख, विभागीय जॉंच तथा न्याय शाखा के समस्त प्रकरणों का आगामी 31 जुलाई तक निस्तारण किया जाना आवश्यक रहेगा। इन पर की गई कार्यवाही के संबंध में साप्ताहित समीक्षा वीसी के माध्यम से की जाएगी। जिले के समस्त राजस्व अधिकारी नियमित रूप से आधा समय फिल्ड वीजिट करेंगे।


उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में गैर मुमकिन आबादी भूमि पर बसावट होने की स्थिति में उस भूमि का नामान्तरण कर ग्राम पंचायत को सूपूर्द किया जाए। इसी प्रकार चारागाह भूमि में आवंटन से पूर्व राज्य सरकार की अनुमति लेनी आवश्यक रहेगी। नई ग्राम पंचायतों के लिए भूमि आवंटन के प्रकरणों को पूर्ण करके भिजवाये जाए। राजस्थान संपर्क पॉर्टल के 6 माह से अधिक पुराने प्रकरणों का प्राथमिकता के साथ निस्तारण किया जाए। मूल निवास प्रमाण पत्रों एवं जाति प्रमाण पत्रों की ऑनलाईन सूचना समय पर अपडेट की जाए। सीमा ज्ञान के ऑनलाईन प्रकरणों की पैंडेनसी खत्म करने के लिए संबंधित व्यक्तियों को प्रशिक्षित किया जाएगा।


इस अवसर पर अतिरिक्त जिला कलेक्टर कैलाश चन्द्र शर्मा, श्री विशाल दवे, उपखण्ड अधिकारी डॉ. अर्तिका शुक्ला, जिला रसद अधिकारी हीरालाल मीणा सहित अधिकारी उपस्थित थे।


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