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मीरा की जीवनी भक्ति एवम समर्पण की प्रतीक - ममता विजय

मीरा जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई


अजमेर। शिरोमणि मीरा की भगवान के प्रति भक्ति एवम समर्पण हमारे लिए प्रेरणादायक है। उनके अटूट विश्वास, प्रेम व अनुराग के कारण ही भगवान को भी सहायता के लिए आना पड़ा। उनकी जीवनी प्रेम में समर्पण एवम भक्ति की प्रतीक है। उक्त उद्धार ममता विजय, कोटा ने अखिल भारतीय विजयवर्गीय महिला मंडल, प्रदेश इकाई द्वारा आयोजित मीरा जयंती महोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में कहे। 


विशिष्ट अतिथि मधु विजय ने कहा कि विजयवर्गीय समाज की आराध्य शिरोमणि मीराँ की जयंती श्रद्धा, भक्ति एवम हर्षोल्लास के साथ पूरे देश मे मनाई जानी चाहिए। जिससे नई पीढ़ी को इतिहास का ज्ञान हो । विजयवर्गीय महिला मंडल की प्रदेशाध्यक्ष आभा गांधी ने बताया कि इस अवसर पर ऑनलाइन एकल गायन एवं एकल नृत्य प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमे समाज की हर उम्र की महिलाएँ एवम लड़कियों ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया । एक से बढ़ कर एक प्रस्तुति देकर अपनी विशेष छाप छोड़ी। 


प्रदेश सचिव शारदा विजय ने बताया कि इस अवसर पर मीरां के रचित काव्य, पद, भजन माया विजय, पुष्पा विजय ने गाये । साथ ही ऐसे गीत भी गाये गाये गए जिनमें माँ मीरां का श्रीकृष्ण के प्रति अनुराग, प्रेम और समपर्ण का भक्ति भाव प्रदर्शित हो रहा था । सांस्कृतिक सचिव अमिता वोहरा विजय ने बताया कि इससे पूर्व अतिथियों ने मीरा की तस्वीर के समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। अतिथियों का माल्यार्पण कर स्वागत किया। ऑनलाइन प्रविष्टियों में कृष्ण के भजन, गीत, फिल्मी गीत पर नृत्य की एकल प्रस्तुति भी काफी संख्या में आई। निर्णायक मंडल में डॉ रुचिका विजय एवम संध्या विजय द्वारा विजेताओं का चयन किया गया । 


ये रहे विजेता - 


प्रथम- पार्वती विजय, किशनगढ़, द्वितीय- किरण विजय, अजमेर, तृतीय- आँचल विजय, केकड़ी , सांत्वना - ऋचा विजय, अजमेर, भावना परबतसर।


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