जयपुर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि प्रदेश की जनसंख्या पर नियंत्रण के लिए हमें ‘हम दो-हमारा एक‘ नारे को अपनाना होगा। उन्होंने कहा कि बढ़ती जनसंख्या के चलते संसाधनों के अभाव में विकास अधूरा रह जाता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की टीएफआर (टोटल फर्टिलिटी रेट) 2.5 है और इसे कम कर 2.1 पर लाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
डॉ. शर्मा शनिवार को विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर आयोजित वर्चुअल राज्य स्तरीय समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश के सभी जिला कलक्टर, चिकित्सा अधिकारियों से चर्चा की और परिवार कल्याण के क्षेत्र में कार्य कर रहे कार्मिकों और संस्थाओं को भी सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि बढ़ती जनसंख्या की समस्या अब हमारे यहां ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में विकराल रूप ले चुकी है। बढ़ती जनसंख्या के कारण प्रकृति का संतुलन निरन्तर बिगड़ता जा रहा है। इससे खाद्यान्न, पेयजल, आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं रोजगार की समस्याएं हो रही है।
स्वास्थ्य मंत्री ने 11 जुलाई से 24 जुलाई तक प्रदेश में जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े का शुभारम्भ करते हुए कहा कि इस दौरान प्रदेशभर में ‘‘आपदा में भी परिवार नियोजन की तैयारी, सक्षम राष्ट्र और परिवार की पूरी जिम्मेदारी’’ का संदेश गांव-गांव और ढ़ाणी-ढ़ाणी तक पहुंचाया जाएगा।
डॉ. शर्मा ने बताया कि आमजन में स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति जागरूकता लाने के लिए 41 हजार 645 राजस्व गांवों से 1 महिला और 1 पुरुष लगभग 80 हजार लोगों का चयन बतौर स्वास्थ्य मित्र के रूप कर लिया गया है। सभी स्वास्थ्य मित्रों का 15 जुलाई तक प्रशिक्षण करवाकर उन्हें दायित्व दिया जाएगा। स्वास्थ्य मित्रों के सहयोग से राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में सकारात्मक माहौल बनेगा, जो कि ‘निरोगी राजस्थान‘ के लिए एक मजबूत कदम साबित होगा।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने इस मौके पर कहा कि बढ़ती जनसंख्या हालांकि बड़ी चुनौती से कम नहीं है, लेकिन इसे भी सुअवसर में बदलने की जरूरत है। उन्होंने परिवार कल्याण के क्षेत्र में काम करने वाले चिकित्साकर्मी और संस्थाओं को बधाई और शुभकामनाएं भी दी।
समारोह के विशिष्ट अतिथि प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग अखिल अरोड़ा ने इस अवसर पर उपस्थित रहे। मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन नरेश कुमार ठकराल ने बढ़ती जनसंख्या पर चिंता जताते हुए इसके रोकथाम पर बल दिया। उन्होंने बताया कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न परिवार नियोजन के साधनों के बारे में जागरूकता लाकर लोगों को परिवार नियोजन के प्रेेरित किया जा रहा है।
निदेशक आरसीएच डॉ. आर.एस. छीपी ने जनसंख्या नियंत्रण एवं स्थिरीकरण के बारे में विभाग द्वारा किये जा रहे कार्यों की जानकारी दी । इस अवसर पर निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. के.के. शर्मा ने जनसंख्या नियंत्रण की रोकथाम विषय पर अपनी बात रखी। कार्यक्रम का संचालन संयुक्त निदेशक प्रचार श्री गोविन्द पारीक ने किया।
प्रोत्साहन पुरस्कार कड़ी में इन्हें किया सम्मानित
इस अवसर पर राज्य स्तरीय परिवार कल्याण प्रोत्साहन पुरस्कार में संस्थागत पुरस्कार के लिए 6 जिलों को सम्मानित किया गया, जिसमें प्रथम स्थान पर झालावाड़, दूसरे स्थान पर अजमेर, तीसरे स्थान पर भीलवाड़ा, चौथे पर हनुमानगढ़ व पांचवें और छठे स्थान पर श्रीगंगानगर और कोटा ने प्राप्त किया।
पीपीआईयूसीडी निवेशन में प्रथम 3 स्थान प्राप्त करने वाले जिले क्रमशः श्रीगंगानगर, सीकर व दौसा रहे। प्रोत्साहन पुरस्कारों की सूची में 6 पंचायत समितियों एवं 6 ग्राम पंचायत को भी सम्मानित किया गया। 3 सरकारी चिकित्सालयों की कड़ी में शाहपुरा (भीलवाड़ा) सैटेलाईट अस्पताल के डॉ. अशोक जैन को प्रथम, सीएचसी अन्ता (बारां) के डॉ. विजेन्द्रनाथ तिवारी को द्वितीय, पीएचसी तिहारी (अजमेर) की डॉ. सोनू शर्मा को तृतीय पुरस्कार दिया गया।
निजी चिकित्सालयों में भीलवाड़ा के सीटी अस्पताल के डॉ. दिनेश गुप्ता को प्रथम, उदयपुर में हरीओम हॉस्पिटल के डॉ. विरेन्द्र सिंह राव को द्वितीय एवं दौसा के श्यामा देवी मेमोरियल हॉस्पिटल के डॉ. नरेन्द्र आटोलिया को तृतीय पुरस्कार दिया गया। गैर सरकारी सगंठनों में एफआरएचएस इंडिया के श्री अवरिन्द बासोतिया एवं परिवार सेवा संस्थान की श्रीमती राखी को भी पुरस्कृत किया गया।
व्यक्तिगत पुरस्कार की कड़ी में 9 चिकित्सा एवं स्वास्थ्य कर्मियों को पुरस्कृत किया गया। इनमें झालावाड़ के उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मुकेश कुमार बंसल को प्रथम, अजमेर के अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संपत सिंह जोधा को द्वितीय और भीलवाड़ा के अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजीव कुमार शर्मा को तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया।
राज्य में सर्वाधिक नसबंदी कराने पर बीकानेर जिले के उपस्वास्थ्य केन्द्र रणजीतपुरा की एएनएम श्रीमती मधु श्रीवास्तव को प्रथम, बाड़मेर के पीएचसी सांता की एएनएम श्रीमती सुमन देवी को द्वितीय एवं उदयपुर के उपस्वास्थ्य केन्द्र ईसरवास की एएनएम फूली पटेल को तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
प्रदेश में सर्वाधिक पुरुष नसबंदी के मामले में झालावाड़ जिले की रीछवा पीएचसी के तुलसीराम सुमन को प्रथम, जबकि सीकर जिले के उप स्वास्थ्य केन्द्र मोकलसर की एएनएम रीना को द्वितीय व बीकानेर जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र केसरदेसर जाटान के जीएनएम अनिल मोदी को तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
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