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टिड्डी नियंत्रण हेतु ड्रोन का इस्तेमाल

अजमेर। अजमेर जिले में टिड्डी दल पर प्रभावी नियंत्रण के लिए कृषि विभाग द्वारा ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है। इससे टिड्डी दल की लोकेशन और फैलाव का पता कर उन्हें नष्ट करने में आसानी हो रही है।


जिला कलेक्टर विश्वमोहन शर्मा ने बताया कि सीमावर्ती जयपुर जिले से अचानक एक बड़े टिड्डी दल ने सिरोंज, कालानाडा होते हुऎ जिले में प्रवेश किया। यह दल कुछ समय पश्चात् तीन से चार भागों में विभाजित हो गया। इसने सरवाड़ तहसील के सातोलाव, अंराई तहसील के बन्थली, दातंली, भोगादित, माला में पड़ाव डाला।


उन्होंने बताया कि कृषि विभाग द्वारा नियंत्रण दल को दो भागों में विभाजित कर एक दल को सातोलाव भेजा गया। इसकी जिम्मेदारी सहायक निदेशक कृषि ब्यावर वी.के. छाजेड़ को सौपी गयी। दूसरे दल को सहायक निदेशक केकड़ी एम.एल. रेडिया के नेतृत्व में बन्थली, दातंली, भोगादित, माला में टिड्डी नियंत्रण की जिम्मेदारी दी गई।


उन्होंने बताया कि जिले में पहली बार टिड्डी चेतावनी संगठन के माध्यम से उपलब्ध कराये गये ड्रोन का उपयोग किया गया। दौथली के चारागाह क्षैत्र में मौजूद वृक्षो पर एवं घनी कंटीली झाडिया जहां ट्रेक्टर, फायर बिग्रेड आदि संसाधनो का भी प्रवेश संभव नही था, ऎसे लगभग एक हैक्टेयर के क्षैत्र में ड्रोन का इस्तेमाल किया गया। तकनीकी का इस्तेमाल टिड्डी नियंत्रण में करने से कार्य आसान हो गया एवं पूरे क्षेत्र पर एक साथ नजर रखी जा सकी।


उन्होंने बताया कि इस अभियान में एक बडी फायर ब्रिगेड, 18 टे्रक्टर माउंटेड स्प्रेयर, 3 पानी के टेंकर, टिड्डी चेतावनी संगठन के 6 वाहन, 20-25 विस्तार कार्मिको द्वारा 1048 हैक्टयर का सर्वे कर 287 हैक्टयर क्षैत्र में 115 लीटर कीटनाशी द्वारा टिड्डी नियंत्रण किया गया।


कृषि विभाग के उप निदेशक वी.के. शर्मा ने बताया कि जिले में निरन्तर टिड्डी दलो का प्रवेश हो रहा हैं। जिले के कृषको से आहवान किया जाता है कि वे सामूहिक रुप से टिड्डी नियंत्रण में योगदान दें। टिड्डी नियंत्रण के लिये क्लोरफायरीफास 20 प्रतिशत ई.सी. 1200 एम.एल. अथवा डेल्टामेथ्रीन 2.8 ई.सी. 480 एम.एल. अथवा लेम्बडासायहेलाथ्रिन 5 प्रतिशत ई.सी. 400 एम.एल. प्रति हैक्टयर की दर से छिड़काव किया जा सकता हैं।


इसमें कृषि अधिकारी मुकेश माली, सहायक कृषि अनुसंधान अधिकारी टीकमचन्द रेगर, गोपाल गैना, क्षेत्र के सहायक अधिकारी एवं कृषि पर्यवेक्षक तथा स्थानीय सरपंच कासीर भागचन्द जाट, भोगादित सरपंच उंषा कंवर, झीरोता सरपंच सीता देवी व ग्रामीणों का सक्रिय सहयोग रहा।


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