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टिड्डी नियंत्रण दल की 2 टीमों ने टिड्डीयों का किया सफाया

अजमेर। जिले में नागौर क्षेत्र से आए टिड्डी दल का लूणी नदी में टिड्डी नियंत्रण दल की 2 टीमों ने सफाया किया।


जिला कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा ने बताया कि सीमावर्ती जिला नागौर से एक दल ने गोविन्दगढ, अखेपुरा लेसवा में प्रवेश किया इसके साथ दूसरा दल केकडी तहसील के उगानखेडा, सरसडी गांव में मौजूद था। नागौर की तरफ से आये दल ने गोविन्दगढ एवं अखेपुरा गांव स्थित लूणी नदी में पडाव डाला। लूणी नदी में कंटीली झाडियो एवं बबूल पर बडी संख्या में टिड्डीया बैठ गई। कृषि विभाग के सहायक निदेशक श्री कैलाशचन्द्र मेघवंशी की टीम ने मध्य रात्रि से ही कीटनाशी का छिडकाव कर टिड्डीयों को नष्ट कर दिया गया।


उन्होंने बताया कि इसी प्रकार केकड़ी तहसील में टिड्डी दल तेज आंधी, बारिश होने से छितर गया। इसके छितरे होने से देर रात तक पडाव स्थल ज्ञात नही हो पाया। प्राप्त सूचना के आधार पर उगानखेडा, सरसडी में रात को ही कृषि विभाग के स्थानीय सहायक निदेशक की टीम द्वारा टिड्डी नियंत्रण किया गया। अधिक बारिश से खेतों में मिट्टी गीली हो जाने के कारण फायर ब्रिगेड, टे्रक्टर माउंटेड स्प्रेयर से छिडकाव करने में कठिनाईयों का सामना करना पड़ा। इसके बावजूद टीम ने टिड्डी दल को नष्ट किया।


उन्होंने बताया कि 2 बडी फायर ब्रिगेड, 13 टे्रक्टर माउंटेड स्प्रेयर, 4 पानी के टेंकर, टिड्डी चेतावनी संगठन के 2 वाहन, 15-20 विस्तार कार्मिको द्वारा 550 हैक्टयर का सर्वे कर 175 हैक्टयर क्षैत्र में 70 लीटर कीटनाशी द्वारा टिड्डी नियंत्रण किया गया।


कृषि विभाग के उप निदेशक वी.के.शर्मा ने बताया कि लूणी नदी के पडाव में 2 से 5 प्रतिशत पीले रंग की टिड्डीया देखने में आयी । इसका अर्थ यह है कि टिड्डीया अपनी परिपक्व अवस्था की ओर अग्रसर हैं। परिपक्व अवस्था में टिड्डी रेतीली एवं नम जमीन में अण्डे देती हैं। अतः आगामी दिनो में कृषको को अत्यधिक सतर्कता बरतने की आवश्यकता हैं। ऎसी स्थिति में सामूहिक तौर पर कीटनाशी दवाई का प्रयोग कर टिड्डीयो को खत्म किया जा सकता हैं।


इस अवसर पर उपखण्ड अधिकारी केकडी सुरेन्द्रसिंह राजपुरोहित, पींसागन समन्दर सिंह भाटी, तहसीलदार कपिल शर्मा, किशनलाल चौधरी, सहायक निदेशक कैलाश चन्द मेघवंशी, मदन लाल रेडिया, कृषि अधिकारी दिनेश झा, सतीश चौहान, नरेन्द्र जैन, कृषि अनुसंधान अधिकारी जितेन्द्र शर्मा, क्षेत्र के सहायक अधिकारी एवं कृषि पर्यवेक्षक तथा स्थानीय सरपंच गोविन्दगढ जगपाल सिंह व ग्रामीणों का सक्रिय सहयोग रहा।


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