मध्यमवर्गीय परिवारों को नहीं कोई राहत
अजमेर। अजमेर उत्तर विधायक एवं पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रदेश की जनता को बार-बार छलना बन्द करे तथा कोरोना महामारी से उत्पन्न हालातों से जूझ रही जनता को सहारा नहीं तो कम से कम झूठी घोषणएं तो ना करे।
देवनानी ने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत ने प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को तीन माह का बिल जमा कराने की पहले 31 मई तक की छूट दी थी। कल उस छूट को बढ़ाकर 30 जून करने की घोषणा की गई साथ ही इस अवधि में कोई पैनेल्टी नहीं वसूले जाने और ना ही किसी का कनेक्शन काटे जाने की घोषणा की गई। लेकिन सरकार ने जो इस सम्बंध में आदेश जारी किये है उसके अनुसार यह छूट केवल उन उपभोक्ताओं के लिए है जिनका बिजली खर्च 150 यूनिट ही है या जिनके कृषि कनेक्शन है।
पहली छूट भी 150 यूनिट खर्च वालों को ही थी-
देवनानी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जो पहली छूट की घोषणा की थी उसके आदेश में भी यह छूट केवल 150 यूनिट तक खर्च करने वाले एवं कृषि कनेक्शन पर ही दी गई थी लेकिन ना तो सरकार के स्तर पर और ना ही विद्युत विभाग के स्तर पर जनता को यह बताया गया था।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री स्तर पर की गई घोषणाओं से मध्यमवर्गीय परिवारों को छला जा रहा है जो कि निन्दनीय है। आज के हालातों में जरूरत तो इस बात की थी कि सरकार बिजली का पूरा बिल ही माफ करती। कम से कम लाॅकडाउन अवधि में जब सभी प्रतिष्ठान व उद्योग बन्द थे उनके स्थाई शुल्क तो माफ किये जा सकते थे लेकिन सरकार ने इस मांग को भी अनसुना कर दिया।
देवनानी ने मुख्यमंत्री गहलोत से मांग की है कि वे बिल जमा कराने में दी गई छूट से 150 यूनिट खर्च की सीमा को हटाने के साथ ही लाॅकडाउन की अवधि का स्थाई शुल्क भी माफ करे।
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