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कोरोना वैश्विक महामारी के चलते देश की अर्थव्यवस्था संकट के दौर में : अग्रवाल

अजमेर। अग्रवाल समाज अजमेर के वरिष्ठ समाजसेवी द्वारका अग्रवाल ने कहा कि वर्तमान समय में कोरोना वायरस के चलते विश्व के अधिकांश देश आर्थिक हालात के बुरे दौर से गुजर रहे है इस वायरस का हमारे देश में भी घरेलू उत्पादन और उपभोग पर समान रूप से प्रतिकूल असर देखने को मिल रहा है। लघु, मध्यम और बड़े उद्योग या तो लगभग बंद है। या फिर बहुत ही कम क्षमता के साथ उत्पादन कर रहे हैं। आज घरेलू बाजार व निर्यात में डिमांड बहुत कमजोर है। इस कारण उद्यमियों में उत्पादन के क्षेत्र में बहुत कमी आ गई है। और नया निवेश लगभग मृतप्राय: है। ऐसे में सभी लोग रक्षात्मक उपाय करने में जुटे हुए हैं। इस वायरस का सबसे अधिक प्रभाव ऑटोमोबाइल्स, ट्रांसपोर्टेशन, टूरिज्म, टेक्सटाइल होटल और मनोरंजन जैसे उद्योगों पर पड़ा है। इन क्षेत्रों में कंपनियों ने अपने खर्चों में व्यापक कटौती करना शुरू कर दिया है। आज लाखों लोग अपनी नौकरियां गंवा चुके हैं तथा संगठित व असंगठित क्षेत्रों के लाखों श्रमिकों का अपनी घरों की ओर पलायन हो चुका है। अगर यह हालात और लंबे खींचते गए तो देश में निजी और कॉर्पोरेट क्षेत्र में भुगतान दोष की समस्याएं और अधिक बढ़ जाएगी और देश में वर्ष 1991 व 2008 की मंदी से भी बुरे हालात पैदा हो सकते हैं जबकि उस समय तो कोई वायरस भी नहीं था। पूंजी बाजार में हो रही लगातार गिरावट के कारण निवेशको का धन आधा ही रह गया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की घटती कीमतों के बावजूद भी देश में पेट्रोल डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं इसका सीधा-सीधा असर आम नागरिकों के उपभोग क्षमता पर पड़ता दिख रहा है।


वर्तमान हालात आने वाले समय में भयावह परिस्थितियों की ओर संकेत करते दिख रहे हैं जितना अधिक समय इस वायरस को कंट्रोल करने में लगेगा समस्या उतनी ही अधिक बढ़ती जाएगी। इस समय सरकार का सारा ध्यान भी इस वायरस से निपटने में लगा हुआ है इसके चलते विकास कार्य बिल्कुल ठप पड़े हैं ।हालांकि भारत सरकार ने 20 लाख करोड़ का पैकेज वित्तीय प्रोत्साहन के रूप में दिया है ।और रिजर्व बैंक ने भी •75 % से अधिक ब्याज दर में कटौती की घोषणा की है लेकिन जब तक इस वायरस पर काबू नहीं पाया जाता इन नीतियों में बदलाव भी सार्थक साबित नहीं हो पाएंगे। नकद तरलता के प्रवाह को बढ़ाकर इस संकट से धीरे धीरे उभरने की कोशिश की जा सकती हैं। हमें यही आशा करनी चाहिए कि देश जल्द से जल्द इस वायरस से मुक्त हो और हमारे देश की अर्थव्यवस्था पुन: पटरी पर आ जाए।


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