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कोरोना के प्रति जागरूकता अभियान के पोस्टर का जिला कलेक्टर ने किया विमोचन

आयुर्वेद विभाग जागरूकता बढ़ाने तथा स्वस्थ रहने का दे रहा है संदेश


अजमेर। जिला कलेक्टर विश्वमोहन शर्मा ने कोरोना के प्रति जागरूकता पैदा करने के अभियान के अन्तर्गत आयुर्वेद विभाग के पोस्टर का विमोचन मंगलवार को किया।


आयुर्वेद विभाग के उप निदेशक डॉ. विनायक कुमार शर्मा ने बताया कि कोरोना के प्रति राज्य सरकार द्वारा जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। आयुर्वेद विभाग द्वारा कोरोना के प्रति जागरूक होकर स्वस्थ रहने के संबंध एक पोस्टर का निर्माण किया गया। इसका विमोचन जिला कलक्टर श्री विश्वमोहन शर्मा ने किया। विमोचन के अवसर पर आयुर्वेद विभाग के सहायक निदेशक डॉ. बाबूलाल कुमावत भी उपस्थित थे।


उन्होंने बताया कि रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करके व्यक्ति कोरोना वायरस से बचा रह सकता है। योग से रोग प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोतरी होती है। इससे मानसिक शांति, एकाग्रता, कार्यक्षमता, शारीरिक बल तथा सकारात्मक सोच में भी वृद्धि होती है। शारीरिक स्वच्छता के साथ सोशल डिस्टेंसिंग एवं मास्क का प्रयोग करे।


उन्होंने बताया कि कोरोना की रोकथाम के लिए आयुर्वेदिक, हौम्योपेथी, यूनानी जैसी परम्परागत चिकित्सा पद्धतियों द्वारा प्रदत्त सुझावों का उपयोग करना चाहिए। इस दौरान पीने के लिए गरम पानी का उपयोग करना चाहिए। ठण्डे, बासी एवं फ्रीज के भोजन से बचना चाहिए। नियमित आधा घण्टा योग एवं प्राणायाम करने से भी स्वस्थ रहा जा सकता है। लम्बे समय तक भूखा एवं प्यासा नहीं रहें। भोजन में हल्दी, जीरा, धनिया एवं लहसून की मात्रा बढ़ा दें। सम्भव हो तो एक चम्मच च्यवनप्राश का नियमित सेवन भी करना उपयुक्त रहता है। गिलोय, तुलसी, अदरक, काली मिर्च, मुनक्का को उबालकर पीना भी हितकर रहता है। हल्दी युक्त गोल्डन दूध भी आन्तरिक शक्ति में बढ़ोतरी करता है। नाक में तिल, सरसों, नारियल तेल अथवा शुद्ध घी डालने से श्वसन तंत्र मजबूत होता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए वातश्लेष्मिक काढ़ा पीना चाहिए। इससे वासा, कण्ठकारी, हल्दी, सोंठ, भारंगी, तालिसपत्र, मधुयष्टि, तुलसी पंचाग, काली मिर्च, लौंग, पीपली एवं चिरायता जैसी औषधियां होती है। सामान्य सर्दी जुकाम में आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक एवं यूनानी दवाएं कारगार होती है।


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