अजमेर। जिले में टिड्डी दल के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए जिला कलेक्टर विश्वमोहन शर्मा के निर्देशानुसार 26 मई से अभियान चलाया जा रहा है।
कृषि विभाग के उप निदेशक वी.के. शर्मा ने बताया कि जिले की 210 ग्राम पंचायतो में 4151 कृषकों ने टिड्डी जागरूकता अभियान में भाग लिया। टिड्डीयो के जीवन चक्र की जानकारी, रोकथाम, नियंत्रण के लिए प्रयास आदि जानने के बारे में कृषको में काफी उत्साह देखने को मिला। गांव के कई बुजुर्गो का कहना है की उन्होने अपने जीवनकाल में पहली बार इतनी बड़ी तादाद में टिड्डीया देखी हैं।
उन्होंने बताया कि अभियान के तहत कृषको को टिड्डी के जीवन चक्र, फसल के नुकसान, रोकथाम एवं छिड़काव के तरीको के बारे में विस्तृत जाकारी स्थानीय कृषि विस्तार कार्मिको द्वारा दी जा रही हैं। आयोजित गोष्ठियो में कृषको को टिड्डीयो की पहचान, टिड्डीयो की प्रजातियो, उनके जीवन चक्र व प्रजनन के तहत तीन अवस्थाएं अण्डा, फाफा, व्यस्क के बारे में जानकारी प्रदान की जा रही हैं। इसके अंतर्गत बताया जा रहा है कि मादा टिड्डी अपने धड़ को मिट्टी में धसा कर कोस्ट बनाकर प्रत्येक कोस्ट में 60 से 120 अण्डे देती हैं। ये अण्डे 10 से 20 दिनों में फूट जाते हैं और उनमें से फाका निकलती है जो वनस्पति खाती है। नियंत्रण के उपाय के अन्तर्गत टिड्डी दलो को खेतो में बैठने से रोकने एवं उडाने के लिए पीपे, डिब्बे, थाली अथवा प्लास्टिक की बोतलो को बजाकर एवं शोर मचाकर, सफेद कपडा हिलाकर, फसल अवशेष जलाकर, धुआं करके अपनाए जा सकते हैं।
उन्होंने बताया कि अगर टिड्डी के फाके या उनके झुण्ड फुदकते हुये आगे बढ रहे है तो उनके रास्ते में खाई खोद कर उन्हे खड्डाें में गिराकर ऊपर से मिट्टी डालकर नष्ट किया जा सकता है। टिड्डी दल सूर्योस्त के समय एक स्थान पर बैठ जाता हैं। उस समय टिड्डी नियंत्रण के लिये डेल्टामेथ्रीन 2.8 ई.सी. 480 एम.एल. अथवा लेम्बडासायहेलाथ्रिन 5 प्रतिशत ई.सी. 400 एम.एल. प्रति हैक्टयर की दर से छिडकाव किया जा सकता हैं।
उन्होंने बताया कि कृषको को टिड्डी नियंत्रण के लिए स्वेच्छिक सेवाएं देने एवं सामूहिक नियंत्रण करने के लिये प्रेरित किया जा रहा हें। गोष्ठी में प्रगतिशील कृषक, जागरुक कृषक, मित्र कृषको एवं टे्रक्टर मांउटेड स्पे्रयर धारको का सूचीकरण किया गया। सहायक निदेशक कृषि (वि.) अजमेर श्री कैलाशचन्द मेघवंशी व कृषि अधिकारी ने गगवाना में आयोजित गोष्ठी में भाग लिया व कृषको को टिड्डी नियंत्रण के संबंध में जानकारी प्रदान की।
उन्होंने जिले के कृषको से आह्वान किया गया की टिड्डी नियंत्रण के लिए स्वेच्छा से टे्रक्टर मांउटेड स्पे्रयर, अन्य संसाधन लेकर आगे आएं। कृषि विभाग द्वारा नियंत्रण के लिए कीटनाशी दवाईयां उपलब्ध करवाई जा रही हैैै। कृषक सामूहिक रुप से टिड्डी नियंत्रण के लिए विभाग का कदम से कदम मिलाकर साथ दें। गोष्ठी में कोविड-19 के संक्रमण के मध्यनजर कृषि कार्यो सोशल डिस्टेंसिंग एवं सावधानियां रखने की भी जानकारी दी जा रही हैं।
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