अजमेर। कोविड-19 के कारण लागू लॉकडाउन के कारण बंद लाइम स्टॉन पाउडर, पावरलूम फैक्ट्री व मार्बल फैक्ट्रियोंर्, ईंट भट्टा में काम करने वाले छत्तीसगढ़, बिहार, मध्य प्रदेश, बंगाल, उड़ीसा, झारखण्ड, के प्रवासी श्रमिकों के 880 परिवारों को जिला प्रशासन अजमेर एवं जिला रसद कार्यालय अजमेर के सहयोग एवं अनुमति से संस्था सेन्टर फॉर एडवोकेसी एण्ड रिसर्च द्वारा पी.टी.एफ. (पार्टनरशिप फॉर ट्रान्सपरेन्सी फण्ड) एवं आई.डी.आर.एफ. (इंडियन डवलपमेंट एण्ड रिलीफ फण्ड) की मदद से स्थानीय संस्था ग्रामीण एवं सामाजिक विकास संस्था एंव प्रयास संस्था चितौड़गढ के सहयोग से खाद्य राशन एवं स्वास्थ्य किट वितरण किया गया। इस किट में 5 किलो आटा, 1 किलो चावल, 1 किलो, दाल, 1 किलो शक्कर, 1 किलो नमक, 1 किलो तेल, 250 ग्राम चाय पत्ती, हल्दी, मिर्च और धनिया पाउडर, 2 नहाने का साबुन, 1 कपडे धोने का साबुन, 1 टूथ पेस्ट, हेण्ड सेनेटाईजर, मास्क और महिलाओं हेतू एक सैनेटरी नेपकीन दिया गया।
880 प्रवासी श्रमिक परिवारों को खाद्य एवं स्वच्छता किट का वितरण दिनांक 21 अप्रैल से 25 अप्रैल तक लगातार 5 दिन तक ब्यावर रिको एरिया, किशनगढ़ रिको एरिया, लाडपुरा रोड, बुबानी, खोडा रिको, नारेली, सांवतसर रिको में रह रहे लाइम स्टोन फैक्ट्री, ईंट भट्टा, पावरलूम फैक्ट्री, मार्बल फैक्ट्रीयों में काम करने वाले श्रमिकों को किया गया। वितरण के दौरान प्रवासी श्रमिकों के परिवारों को कोरोना से बचाव के उपाय के बारे में बताया गया, सोशल डिसटेन्सिंग क पालन करने को प्रेरित किया और वर्तमान में जहां है वही रहने को कहा गया ताकि कोरोना संक्रमण से बचा जा सके। संस्था कार्यकर्ताओं द्वारा वितरण के दौरान सोशल डिसटेन्सिग की पालना भी गई और सैनेटाइजर को उपयोग करने के तरीको को बताया गया।
गौरतलब है कि गत 21 मार्च से ही लॉकडाउन के चलते सभी अजमेर के आस पास की सभी फैक्ट्रियां और ईंट भट्टे बंद कर दिए गए जिसके कारण प्रवासी श्रमिकों को राशन की व्यवस्था करना मुश्किल हो गया है, प्रवासी श्रमिकों को राहत पहंुचाने के उदेश्य से खाद्य सामग्री एवं स्वास्थ्य सामग्री का वितरण किया गया है।
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