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सिंधु साहित्य ऐं कल्चरल सोसायटी ने ऑनलाइन मनाया सिंधी दिवस

अजमेर। सिंधु साहित्य ऐं कल्चरल सोसायटी द्वारा ऑनलाइन सिन्धी दिवस मनाया गया। सोसायटी के प्रचार सचिव एम टी वाधवणी ने बताया की शुक्रवार शाम 6 बजे सोसायटी के सदस्य ऑनलाइन हुए। उन्होंने बताया कि चेतीचंड के दिन भारतीय सांसद भवन में जयराम दौलतरम के अथक प्रियासो 10 अप्रैल 1967 को भारतीय संविधान की आठवी अनुसूची में भारत की प्राचीन सिंधी भाषा को शामिल किया गया था तभी से 10 अप्रैल को सिंधियत दिवस भी मनाया जाता है।


सोसयाटी के अध्यक्ष सुंदर मटाई ने बताया की सिंधियों के हर छोटे बड़े प्रोग्राम में यह संकल्प लिया जता है कि सभी अपने बच्चों से घर पर सिंधी में बात करेंगे जिससे सिंधी भाषा जीवित रहेगी। कई परिवार बच्चों से घर पर सिंधी में ही बात करते है पर अभी ऐसे बहुत परिवार है जहां बुज़ुर्ग भी सिंधी में बात नही करते है तो उनके बच्चे सिंधी कहा से सीखेगें अतः आज पुनः इस पावन दिन पर संकल्प करे की हम आपस में सिंधी ने ही बात करें तथा बच्चों से भी सिंधी मेन बत करे तो यह दिन मनाना सार्थक रहेगा।


मंजू चैनानी ने बताया कि हमारे सिंधी स्कूलों में सिंधी विद्यार्थीयों की संख्या घटतीं जा रही है जो चिन्ता का विषय है हमें यह प्रियास करना चाहिए कि हम अपने बच्चों को सिंधी स्कूल में भेजे या तीसरी भाषा के विकल्प में सिंधी को चुने।


इस अवसर पर नानकी वाधवानी द्वारा सिंधी गीत "हा मा सिंधी आह्यां" प्रस्तुत किया। दयाल प्रियानी ने भी सिंधी गीत प्रस्तुत किया। ऑनलाइन प्रोग्राम में सह सचिव लक्ष्मण चैनानी कोषाध्यक्ष नरेंद्र आसवानी, शंकर संगतनी, भीष्म शर्मा, श्वेता शर्मा और अन्य भाग लिया। अंत में आशा पर्चवानी ने कोरोना वायरस के चलते सभी को घर पर रहने और बार बार हाथ धोने की सलाह दी।


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