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शाहपुरा के खटीक समाज के युवाओं का जज्बा, 27 मार्च से भोजन के पैकेट कर रह है वितरित

शाहपुरा (मूलचन्द पेसवानी)। कहते है कि काम करने व सेवा करने का जज्बा हो तो कोई भी बाधा सामने नहीं आती है तथा वो कार्य बखूबी पूरा भी हो जाता है। इसी जज्बे व सेवा भाव से ओत प्रोत शाहपुरा खटीक समाज के युवा पिछले 27 मार्च से अनवरत शाहपुरा नगर पालिका क्षेत्र में भोजन के पैकेट तैयार कर जरूरतमंदों तक पहुंचा रहे है। इस पुनित सेवा कार्य में सहयोग करने वालों का कारवां बढ़ता ही जा रहा है। समाज के लोगों से खुले दिल से सहयोग दिया तो बाद में कुछ गैर समाज के लोगों ने भी पहुंच कर इन युवाओं को सहयोग दिया। मांगने किसी के पास ये युवा नहीं पहुंचे और भोजन पेकेट निर्मित कर उनको व्यवस्थित पहुंचाने का कार्य इनके द्वारा आज भी बखूबी किया जा रहा है। ये युवा वर्तमान में 300 पैकेट तैयार कर शाहपुरा की बाहरी बस्तियों के अलावा यहां वहां मिलने वाले जरूरतमंदों को यह खाने के पैकेट पहुंचा रहे है। 


अपने ही सामाजिक धर्मशाला परिसर में पूरी साफ सफाई व सेनेटाईजेशन कराने के साथ ही पूरी शुद्वता से प्रतिदिन खाना तैयार कर ये युवा दो दो की टोली में वितरित करने पहुंचते है तथा आवाज लगाकर जरूरतमंद को पैकेट देकर उनका आर्शिवाद लेना नहीं भूलते है। साथ में यह भी कहकर आते है कि लोकडाउन से परेशान मत होना कल फिर से पैकेट लेकर आयेगें। 27 मार्च से प्रांरभ हुआ यह दौर पहले 14 अप्रेल तक के लिए ही था पर लोक डाउन की अवधि बढ़ने पर युवाओं ने हिम्मत कर इसे आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है। माडिफाई लोकडाउन में छुट मिलने की संभावना शाहपुरा में न मिलते देखकर इन युवाओं ने फिर से दुगने जोश के साथ यह कार्य चला रखा हैं युवा बताते है कि समाज के बुजूर्गो का आर्शिवाद है जो वो सेवा कार्य में लगे है। काम धंधा तो है नहीं पर यह पुनित कार्य भी जरूरी है क्योंकि जरूरतमंद आखिर भोजन तो खायेगा ही।


खटीक समाज की सेवा को देखते हुए अब गैर समाज के लोगों ने भी इनसे प्रेरित होकर इनके पास पहुुच कर अपने सामथ्र्य के हिसाब से सहयोग किया है और सेवा का कारवां निरंतर चल रहा है। युवा बताते है कि प्रतिदिन वर्तमान में 300 पैकेट तैयार कराते है। बाहरी बस्तियों में वितरण के साथ ही पुलिस थाने सहित अन्य चेक पोस्टों से गुजरने वाले राहगीरों तक यह पैकेट पहुुचाये जा रहे है। पुलिस व प्रशासन के कारिंदों के अलावा अन्य कोई सामाजिक कार्यकर्ता भी इनको जरूरतमंद के बारे में बताते है तो वहां भी पैकेट पहुंचाने को ये युवा प्राथमिकता दे रहे है। ये युवा बाकायदा लोक डाउन के नियमों का पालन करते हुए ही सेवा कार्य को अंजाम दे रहे है। लॉक डाउन के वर्तमान दौरान में ऐसे वालियंटर्स को सलाम तो किया जाना ही चाहिए।


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