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लॉकडाउन : अवैध शराब बेचने के आरोपी की जमानत खारिज

अजमेर। कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन के दौरान भारी मात्रा में अवैध अंग्रेजी व देशी शराब बेचने के आरोपी की जमानत खारिज की गई है।
     
लोक अभियोजक विवेक पाराशर ने बताया कि विशिष्ट न्यायाधीश अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण के न्यायाधीश श्री गोविंद अग्रवाल द्वारा कोरोना संक्रमण लॉक  डाउन के दौरान अंग्रेजी व देशी अवैध शराब आमजन को बेचने के आरोपी नसीराबाद सिटी निवासी आनंद टाक पुत्र राकेश कुमार टाक की जमानत याचिका को खारिज करने का आदेश पारित किया।
     
उन्होंने बताया कि घटना के अनुसार लॉकडाउन के दौरान 14 मार्च को बिहारी जी रोड धोबी मोहल्ला नसीराबाद सिटी निवासी आनंद टांक द्वारा भारी मात्रा में अवैध विभिन्न ब्रांडों की अंग्रेजी व देशी शराब आमजन को बेची जा रही थी। नसीराबाद सिटी थाने द्वारा कार्यवाही करते हुए यह पाया कि अभियुक्त राजेश टाक के पास देशी मदिरा के 11 कार्टून जिनमें कुल 528 सादा देसी शराब व अंग्रेजी शराब की विभिन्न ब्रांड की बोतलें, ढक्कन व 75 पव्वे सहित शराब  बरामद की गई। अभियुक्त को नसीराबाद सिटी थाने द्वारा न्यायालय में प्रस्तुत कर उसे जेल भेज दिया गया। उसके पश्चात अभियुक्त आनंद टाक की जमानत याचिका नसीराबाद न्यायालय में खारिज होने के पश्चात विशिष्ट न्यायधीश अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के न्यायाधीश श्री गोविंद कुमार अग्रवाल के समक्ष प्रस्तुत हुई।
     
लोक अभियोजक विवेक पाराशर ने बताया की न्यायालय ने मामले को अत्यंत गंभीर मानते हुए जमानत याचिका में पारित आदेश में उल्लेख किया है कि वर्तमान में संपूर्ण भारत में कोरोना संक्रमण से मानव स्वास्थ्य एवं जीवन की सुरक्षा के आशय से लॉक  डाउन किया हुआ है। इसमें जनसाधारण के आवागमन के साधनों पर प्रतिबंध लगा हुआ है। इसके बावजूद अभियुक्त द्वारा लॉक  डाउन के प्रसारित आदेशों का उल्लंघन किया गया। ऎसे में अभियुक्त को जमानत पर छोड़ा गया तो उसके व्यक्तिगत स्वास्थ्य से संबंधित सुरक्षा भी प्रभावित होगी। क्योंकि वह जेल से रिहा होने के पश्चात अपने घर तक जाने हेतु पैदल अथवा किसी अन्य साधन का उपयोग करेगा जो साधन वर्तमान स्थिति में तथ्यात्मक रूप से संचालित नहीं हो पा रहे हैं। न्यायालय ने जमानत प्रार्थना पत्र के संबंध में यह भी उल्लेख किया कि अभियुक्त स्वयं की व सामाजिक स्वास्थ्य की सुरक्षा को देखते हुए वर्तमान परिस्थितियों के आधार पर उसकी जमानत स्वीकार किए जाने योग्य नहीं है और माननीय न्यायालय द्वारा तथ्यों परिस्थितियों को देखते हुए अभियुक्त की जमानत याचिका खारिज करने के आदेश पारित किए गए । 


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