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कोरोना महामारी : अक्षय तृतीया और रमजान में सामूहिक धार्मिक गतिविधियां प्रतिबंधित

जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस
धार्मिक गुरूओं, संस्थाओं और प्रतिनिधियों से भी की चर्चा


अजमेर। कोरोना महामारी से संघर्ष में आगामी दिनों में आने वाले अक्षय तृतीया एवं रमजान में सामूहिक धार्मिक गतिविधियां पूरी तरह प्रतिबंधित रहेंगी। जिला प्रशासन ने इसके लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं। साथ ही धनी बस्तियों में पूरी नजर रखी जा रही है। किसी भी व्यक्ति को बीमारी के लक्षण पाए जाते हैं तो वह बिना झिझके चिकित्सकों से सम्पर्क करे।
     
जिला कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा एवं पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप ने आज पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी। उन्होंने कलेक्ट्रेट में धार्मिक गुरूओं, संस्थाओं और प्रतिनिधियों से भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि वर्तमान परिस्थिति में समस्त नागरिकों के लिए सरकार के दिए निर्देशों के पालना करना आवश्यक है। शहर का भीतरी इलाका घना बसा होने के कारण संवेदनशील हैं। इस क्षेत्र के साथ-साथ जिले के किसी भी व्यक्ति को इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारियों के लक्षणों से ग्रसित व्यक्तियों को आगे आकर चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। चिकित्सक द्वारा दिए गए निर्देशों की पालना करने के साथ ही समस्त उपचार एवं सावधानियां अपनायी जानी आवश्यक हैं। क्षेत्र की मस्जिदों से अजान की सूचना के साथ-साथ कोरोना के प्रति जागरूकता पैदा करने वाले संदेश भी प्रसारित किए जाने की आवश्यकता है।
     
उन्होंने कहा कि जिले के कर्फ्यूग्रस्त क्षेत्रों में समस्त प्रकार की आवश्क सामग्री प्रशासन द्वारा उचित मूल्यों पर उपलब्ध करायी जाएगी। इसी प्रकार रमजान के दौरान भी आवश्यकता अनुसार फल एवं अन्य सामग्री भी उचित मूल्य पर उपलब्ध रहेगी। कोरोना महामारी की अवधि के दौरान इस प्रकार के समस्त कार्य प्रतिबंधित रहेंगे। जिनमें 5 सें अधिक व्यक्तियों के इक्टठा होने की संभावना रहती हो। इस दौरान समस्त धार्मिक सामाजिक एवं अन्य पर्वों को भी प्रतिबंधित किया गया है। अक्षय तृतीया के अबूझ सावों के अवसर पर विवाह की अनुमति नहीं रहेगी। विशेष परिस्थिति में जिला प्रशासन से नियमानुसार अनुमति ले सकते हैं।
     
उन्होंने कहा कि क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर रूके हुए जायरीन को जहां है वहीं रहने के लिए पाबंद किया गया है। इसके साथ-साथ वे जहां रूके हैं उस परिसर के मालिक को उन्हें भोजन एवं आवास की सुविधाएं उपलब्ध करानी चाहिए। गरीब एवं जरूरतमंद व्यक्तियों को आवश्यक जांच के उपरांत प्रशासन द्वारा भोजन उपलब्ध करवाया जाएगा। दरगाह क्षेत्र सें किसी भी व्यक्ति को बाहर स्थानांतरित नहीं किया जाएगा। इससे संक्रमण को सीमित करने में सहायता मिलेगी।
     
पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप ने कहा कि कोरोना से मिलते जुलते लक्षणों वाले व्यक्तियों को आगे आकर निकटवर्ती चिकित्सालय में संपर्क करना चाहिए तथा उन्हें चिकित्सक द्वारा निर्धारित जांच एवं दवाओं का उपयोग करना आवश्यक है। किसी एक व्यक्ति का गैर जिम्मेदारी पूर्ण व्यवहार उसके परिवार तथा मौहल्ले को खतरे में डाल सकता है। ऎसी परिस्थिति में संपूर्ण समाज का उत्तरदायित्व है कि इस प्रकार के गैर जिम्मेदार व्यक्तियों के प्रति नियंत्रण केन्द्र को सूचित करें। यह प्रत्येक सभ्य नागरिक का कर्तव्य है।
     
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी जाति और धर्म देखकर आक्रमण नहीं करती है। इससे बचाव के लिए प्रशासनिक आदेशों पर अमल करना आवश्यक है। प्रशासनिक आदेशों की अवहेलना करने वालों के बारे में नियंत्रण कक्ष अथवा पुलिस को बताना आवश्यक है। इस प्रकार के गैरजिम्मेदार व्यक्तियों के साथ मित्रता एवं भाईचारा निभाना स्वयं को खतरे में डालने के समान है।
     
इस अवसर पर अतिरिक्त जिला कलेक्टर कैलाशचंद शर्मा एवं विशाल दवे, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. के.के. सोनी, दरगाह कमेठी के नाजिम शकील अहमद, दरगाह दीवान के प्रतिनिधि सैयद नसेरूदीन चिश्ती, अंजूमन के सैयद मुसबिर हुसैन, मौलाना तोसिफ, सैयद अजनुदीन चिश्ती, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सुनिल दत्त जैन, विश्व हिन्दू परिषद के आनन्द प्रकाश अरोड़ा, लेखराज सिंह राठौड़ एवं एडवोकेट शशि प्रकाश इंदोरिया सहित विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे।


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