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जिला कलेक्टर ने आमजन से की अफवाहों से सावधान रहने की अपील

क्वारेंटाइन सेन्टरों पर सभी व्यवस्थाएं चाकचौबंद


चिकित्सा से ठीक हो रहे हैं कोरोना मरीज
आमजन को नहीं है खाद्य सामग्री की परेशानी
     
अजमेर। जिला कलेक्टर विश्वमोहन शर्मा ने कहा कि आमजन को कोरोना महामारी से घबराने या परेशान होने की कोई आवश्यकता नहीं है। सरकार तथा प्रशासन समस्त व्यवस्थाओं के साथ आमजन को राहत पहुंचाने के लिए मुस्तैद है। आमजन को सरकार द्वारा जारी निर्देशों एवं लॉकडाउन का अनुशासन से पालन करना चाहिए। क्वारेंटाइन सेन्टरों पर सभी व्यवस्थाएं चाकचौबंद है। वहां खाने व चिकित्सा आदि की सम्पूर्ण व्यवस्थाएं की जा रही है।


जिला कलेक्टर विश्वमोहन शर्मा ने आज अधिकारियों से क्वारेंटाइन सेन्टरों व शेल्टर होम आदि पर की जा रही व्यवस्थाओं की जानकारी ली। उन्होंने आमजन से अपील की कि कोरोना से घबराने की आवश्यकता नहीं है। इसके प्रति जागरूक रहकर इससे बचा जा सकता है। सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों तथा लॉकडाउन की पालना करने से कोरोना के खतरे को कम किया जा सकता है। सरकार द्वारा कोरोना संदिग्ध व्यक्तियों के समूचित उपचार के लिए आरंभ में होम आईसोलेट रखने का प्रावधान है। इस दौरान चिकित्सकीय निर्देशानुसार उपचार जारी रखा जाता है। राज्य सरकार द्वारा जारी गाईडलाईन्स के अनुसार किसी रोगी की कोरोना रोग होने की पुष्टि के  म्यूकस लेकर जांच करवाई जाती है। म्यूकस रिपोर्ट की प्राप्ति के बाद पूरी तरह जांच से नेगेटिव होने वाले लोगों को ऎहतियात के तौर पर अगले 14 दिन तक क्वारेंटाइन सेन्टर में रखा जाता है। क्वारेंटाइन सेन्टर में किसी भी कोरोना पॉजीटिव या बिना टेस्ट कराए व्यक्ति को नहीं रखा जाता है।


उन्होंने कहा कि क्वारेंटाइन केन्द्रों पर 24 घंटे चिकित्सक एवं पैरामेडिकल स्टॉफ की तैनाती होती है।  इनके द्वारा सभी लोगों की प्रतिदिन स्वास्थ्य जांच की जाती है। किसी भी व्यक्ति के अस्वस्थ होने की स्थिति में विवेकानुसार तुरन्त चिकित्सा या रैफरल किया जाता है। इन सभी केन्द्रों पर समय-समय पर खाने पीने की सुविधाएं एवं स्वच्छता, सैनिटेशन का पूरा ध्यान रखा जाता है। केन्द्रों पर रहने वाले व्यक्तियों को बाहर नहीं आने दिया जाता है तथा किसी अनाधिकृत व्यक्ति को भी प्रवेश नहीं करने दिया जाता है। समुचित पुलिस व्यवस्था एवं गार्ड की ड्यूटी लगाई गई है। ये क्वारेंटाइन सेन्टर कोविड-19 से समस्त व्यक्तियों के बचाव के लिए अतिआवश्यक है। कोरोना महामारी से बचाव हेतु उठायें कदमों के तहत यदि चिकित्सा जांच में कोई नागरिक कोरोना (कोविड-19)  से संक्रमित है, पाया जाता है, लक्षण दिखाई देते है, तो ऎसा व्यक्ति चिकित्सकीय परामर्श के अनुसार 14 दिवस तक क्वारेंटाइन के रूप में निर्धारित स्थान पर रहेगा तथा इस संबंध में जारी समस्त दिशानिर्देशों की पालना सुनिश्चित करेगा।


उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की भ्रांति या भ्रम में आने की आवश्यकता नहीं है। इन केन्द्रों को स्थापित करने व चलाने में प्रशासन आमजन से यथासंभव सहयोग की अपेक्षा रखता है। कोरोना के विरूद्ध युद्ध में सभी का सहयोग परम आवश्यक है। कोविड-19 वायरस महामारी के संक्रमण बाबत दुष्प्रचार करता है या भ्रामक जानकारी प्रसारित करता है, झूठा क्लेम करता है या झूठे संदेश प्रसारित करता है, जिसमें इस महामारी के बारे में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो तो उस व्यक्ति के खिलाफ धारा 188, 270,505 भा.द.सं. तथा धारा 52 आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत कार्यवाही की जाएगी। इसी तरह कोविड-19 वायरस से संक्रमित व्यक्ति के क्वारेंटाइन संबंधी उसकी मोनिटरिंग संबंधी तथा उसके क्वारेंटाइन का उल्लंघन करने पर की जाने वाली कार्यवाही संबंधी निर्देश भी जारी किए गए है। यदि किसी व्यक्ति, व्यक्तियों के समूह, संस्था, कम्पनी आदि द्वारा लॉकडाउन या सरकार द्वारा समय समय पर जारी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया जाता है तो नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
     
जिला कलेक्टर ने कहा कि कोरोना महामारी रोकने के लिए जिला प्रशासन व पुलिस द्वारा पर्याप्त व्यवस्थाएं की जा रही है। कोरोना महामारी के दौरान लॉकडाउन में प्रत्येक व्यक्ति की आवश्यकताओं का ध्यान रखा जा रहा है। फ्रण्ट लाईन चिकित्सक जो घर नहीं जा सकते उनके लिए व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई है। सीएमएचओ द्वारा कन्टेनमेण्ट प्लान की पालना कड़ाई से सुनिश्चित की जा रही है। क्वारनटाईन फैसिलिटी मैनेजमेंट में त्रिस्तरीय  व्यवस्था सुनिश्चित कर दी गई है। क्वारनटाईन स्थल पर समुचित प्रकाश, वेन्टीलेशन, बाथरूम तथा शौचालय इत्यादि आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित है। होम आइसोलेट किये जाने की अवस्था में  संबंधित व्यक्ति का घर छोटा होने की स्थिति में उसे किसी अन्य संस्थान या स्थान पर क्वारेंटाईन किए जाने की व्यवस्था भी सुनिश्चित होगी। फूड पैकेट तथा सूखी खाद्य सामग्री का वितरण इस प्रकार सुव्यवस्थित तरीके से करवाया जा रहा है कि जरूरतमंद व्यक्तियों को आवश्यकता अनुसार आपूर्ति को सके।
     
उन्होंने कहा कि आश्रय स्थल तथा शेल्टर होम पर सभी व्यवस्था की गई है। इन सभी सुविधाओं की मॉनिटरिंग के लिए अलग-अलग अधिकारी  नियुक्त है। कोरोना संदिग्ध व्यक्तियों को (जिनमें लक्षण आ रहे हैं अथवा जिनमें लक्षण नहीं आ रहे हैं) पृथक-पृथक रखे जाने की व्यवस्था सुनिश्चित है। इस हेतु समुचित संख्या में हॉस्टल, होटल, भवनों (बाथरूम व शौचालयों की सुविधायुक्त) इत्यादि का अधिग्रहण किया गया है। जांच, टेस्टिंग, स्क्रीनिंग अधिक से अधिक करवाये जाने पर फोकस किया गया है।  इससे कोई भी संक्रमित व्यक्ति छूट नहीं पाए।
कोरोना महामारी के दौरान क्वारेंटाइन कैम्पों तथा प्रवासी श्रमिक आश्रय केन्द्रों की सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चत की गई है।


उन्होंने बताया कि निर्दिष्ट क्वारेंटाइन व्यक्ति की मोनिटरिंग संबंधित क्षेत्र के निर्धारित पुलिस, चिकित्सा विभाग द्वारा की जाएगी। यदि संबंधित क्वारेंटाइन व्यक्ति निर्धारित स्थान को छोड़ता है, तो उसके परिवार वाले निर्धारित प्रोटोकॉल के तहत पुलि, चिकित्सा विभाग को सूचित करने के लिए उत्तरदायी होंगे।


उन्होंने बताया कि यदि कोई भी नागरिक जो  जांच में कोरोना (कोविड-19) से संक्रमित है, पाया गया है, लक्षण पाये गये है, द्वारा यदि सरकार के इस संबंध में समय-समय पर जारी दिशानिर्देशों, हिदायतों, आदेशों की अवहेलना करता है, की जाती है तो ऎसे व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 188 व आपादा प्रबन्धन एक्ट 2005 के अध्याय 10 के सेक्शन 51-60 में वर्णित प्रावधानों के तहत दंडात्मक कार्यवाही अमल में लायी जाएगी


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