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डिजीटल कवि सम्मेलन में प्रस्तुत की काव्य रचनाएं 

शाहपुरा (मूलचन्द पेसवानी)। देश के प्रसिद्ध कवियों ने फेसबुक पेज डिजीटल फ्लेटफार्म पर लाइव आकर श्रोताओं के लिए डिजिटल कवि सम्मेलन प्रस्तुत किया जिसे हजारों लोगों ने लाइव देखा एवं सुना। कवि सम्मेलन में सर्वप्रथम उदयपुर के वीर रस के प्रसिद्ध कवि सिद्धार्थ देवल ने अपनी रचना जब गौरी के षडयंत्रो में पृथ्वीराज फंस जाएंगे, तब चन्दर वरदाई बन हम अपनी कलम उठाएंगे प्रस्तुत की। उसके पश्चात हास्य कवि दिनेश बंटी ने भीलवाड़ा को कोरोना मुक्त होने एवं विश्व भर में उस रोल मॉडल को अपनाने के लिए प्रसन्नता जाहिर की अपनी कविता दिल में मेरे दर्दे कोरोना है, बेपरवाह है कुछ लोग कि मुझे क्या होना है, छिपाओ ना राज, ऐसी ना भूल करो, लपेटे में तुम, तुम्हारा परिवार और इस शहर का कोना-कोना है, सुना कर संदेश दिया। कार्यक्रम का संचालन कर रही है देश की मौलिक एवं बेहतरीन कवियत्री जोधपुर की आयुषी राखेचा ने श्रृंगार का बेहतरीन गीत आ बांधे प्रीत की डोरी, संग चल ओ बालमा बन जाऊं मैं तेरी सजनी तू मेरा साजनाश् सुनाया। टीवी शो एवं लाफ्टर कलाकार मावली के मनोज गुर्जर ने- मोहब्बत में मैंने नया मुकाम कर दिया,अपना दिल वतन के नाम कर दिया, मूर्ख है वो जो मुहब्बत में खुदको बर्बाद करता है मां और मिट्टी से मुहब्बत करने वाले को जमाना याद करता है, अपना दिल वतन के नाम कर दिया, मां और मिट्टी से मुहब्बत करने वाले को जमाना याद करता है। इस डिजीटल कवि सम्मेलन से सैकड़ों लोग जुड़े।


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