अजमेर। कोरोना महामारी से युद्ध में देश के सभी पत्रकार जनता तक सही एवं सटीक खबर पहुंचने के लिए फील्ड में डटे हुए हैं। सभी का एक ही उद्देश्य है की देश की जनता को सच से अवगत करावें एवं मिथ्या और भ्रम को फैलने से रोके। देश का पत्रकार भी कोरोना योद्धा है जो की फ्रंट लाइन में कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरों के बीच अपने पत्रकारिता धर्म का पालन करने के लिए मैदान में डाटा हुआ है। देश में कोरोना महामारी में पुलिस , सफाईकर्मी अथवा डॉक्टरों के साथ पत्रकारों की भूमिका भी उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी बाकी के योद्धाओं की।
पत्रकार फ्रंट लाइन कोरोना वॉरियर है इसलिए पत्रकारों में संक्रमण का खतरा लगातार बढ़ा रहता है। पिछले दिनों मुंबई के 53 पत्रकारों में कोरोना संक्रमित होने की बात हम सभी को पता है। इसी बात को ध्यान रखते हुये पत्रकारों के स्वास्थ्य परिक्षण के लिए पत्रकार संगठन आईएफडब्ल्यूजे के संभाग प्रभारी मनवीर सिंह चूंडावत और जिला अध्यक्ष अभिजीत दवे ने कोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनजर पत्रकारों की स्क्रीनिंग करवाने का आग्रह पुलिस अधीक्षक से किया था इस पर एसपी ने संवेदनशीलता दिखाते हुए अजमेर के सभी पत्रकारों की कोरोना स्क्रीनिंग के निर्देश दिए। सिविल लाइंस स्थित सरकारी चिकित्सालय में डॉ. प्रदीप जयसिंघानी व उनकी टीम द्वारा पुलिस लाइन डिस्पेंसरी में 90 से ज्यादा पत्रकारों की कोरोना स्क्रीनिंग की गई।
डॉ. जयसिंघानी ने बताया कि पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप के निर्देशानुसार गुरुवार को 75 और शुक्रवार को 15-20 पत्रकारों की स्क्रीनिंग की गई। स्क्रीनिंग में पत्रकारों के बुखार, बीपी आदि की जांच की गई। सभी पत्रकार स्वस्थ्य पाए गए हैं। उन्होंने कहा अगर कोई पत्रकार स्क्रीनिंग से रह गया है तो डिस्पेंसरी आकर जांच करवा सकता है। डॉ. जयसिंघानी ने पत्रकारों को सतर्कता बरतने के निर्देश भी दिए। आईएफडब्ल्यूजे ने पत्रकारों की स्क्रीनिंग करवाने के लिए पुलिस अधीक्षक का आभार प्रकट किया है।
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