अजमेर। विश्व उपभोक्ता दिवस के अवसर पर सतत उपभोक्ता थीम पर कार्यशाला का आयोजन रविवार को कलेक्ट्रेट सभागार में किया गया।
कार्यशाला में मुख्य अतिथि जिला उपभोक्ता फोरम की सदस्य अलका रानी जैन ने कहा कि हमारी संस्कृति में सतत उपभोग पर जोर दिया जाता है। प्रत्येक वस्तु का तब तक उपयोग करने की सलाह दी जाती है जब तक की वह नष्ट होने की स्थिति में नही आ जाती। इस दौरान पर्यावरण का भी पूरा ध्यान रखने की नसीहत दी जाती है।
जिला रसद अधिकारी अंकित पचार ने बताया कि संगोष्ठी के प्रारम्भ में डॉ, माणक जैन एवं डॉ. मधु जैन, सह आचार्य राजकीय महाविद्यालय अजमेर ने संगोष्ठी विषय पर प्रकाश डालते हुए उसके संबंध में विस्तृत जानकारी दी कि किस प्रकार वर्तमान उपभोक्ता अपनी सुख सुविधाओं के लिए प्राकृतिक संसाधनों का अनुचित उपभोग कर रहा है जिससे प्रकृति के साथ खिलवाड हो रहा है। यह कार्य स्वयं उसके तथा आगे आने वाली नस्लों के भविष्य के लिए हानिकारक है।
उपभोक्ता संरक्षण केन्द्र मसूदा के राघवेन्द्र सिंह ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को जिम्मेदार उपभोक्ता के रूप में अपनी पहचान बनानी चाहिए। इससे व्यक्ति शोषित होने से बच पाएगा साथ ही उपभोक्ता संरक्षण से संबंधित कानूनों की जानकारी होना श्रेष्ठ रहता है। राज्य उपभोक्ता उत्थान संघ के अध्यक्ष अशोक कुमार झांझरिया ने कहा कि उपभोक्ताओं को आपसी विश्वास के साथ आपस में संरक्षण प्रदान करना चाहिए। अखिल राजस्थान उपभोक्ता संगठन महासंघ के सचिव एडवोकेट मुकेश मिश्र ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए बताया कि उपभोक्ता प्राकृतिक संसाधनों को सीमित समझ कर उपभोग करें तथा उपभोग के साथ प्रकृति का भी ध्यान रखे तभी उसका व देश का सतत विकास संभव है। उपभोक्ताओं के हितों की सुरक्षा के लिए बैठक के साथ साथ जन आंदोलन बनाये जाने की आवश्यकता है। इस दिशा में कार्य कर रहे समस्त अभिकरणों को एक होकर कार्य करना चाहिए।
संगोष्ठी में सागर सिंह राठौड मण्डल अध्यक्ष उपभोक्ता महासंघ जयपुर, नरेन्द्र पाल, सचिव अखिल उपभोक्ता महासंघ आनन्द एजीओ-सीएफएआर एवं उनसे जुड़े सदस्यगण, अन्य विभागों के प्रतिनिधि जिला रसद अधिकारी, प्रवर्तन स्टाफ, कार्मिक व उभोक्ता उपस्थित हुए। कार्यक्रम का संचालन प्रवर्तन अधिकारी अब्दुल सादिक ने किया ।
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