सिन्धी संगीत सम्राट मास्टर चन्द्र की 113वीं जयंती में अनेक कलाकारों ने दी प्रस्तुति
अजमेर। सिन्धी संगीत समिति (रजि.) अजमेर के तत्वावधान में शनिवार स्थानीय जवाहर रंगमंच में सिन्धी संगीत के समा्रट मास्टर चन्द्र की 113वी जयन्ति एवं पूज्य झूलेलाल जयन्ति के अवसर पर आयोजित भक्तिरस के रंगारंग कार्यक्रम में अनेक आयोजन किये गये। मुम्बई की विख्यात कलाकार लत्ता भक्तिानी ने अपनी मधुर वाणी में अनेक भजन एवं गीत सुनाये जिनमें सुख्मणी सुख जो आधार, मुहिंजी बेड़ी अथई विच सीर ते पल्लव पायां थी मां जिन्दह पीरे ते, हर फन में आहिन सिन्धी, चण्ड तारन ते आहिन सिन्धी होशियार सिन्धी,दिल दिजे दिलवारन खे कहिडो कदुर पवन्दो बेकदुरन यारन खे,जिये मुहिंजी सिन्ध मां त धोरियां पहिंजी जिन्द पहिंजे अब्बाणे वतन तां,लगा मेला नसीबन वारन जा सहित अन्य सुनाकर वातावरण को भक्तिमय बना दिया।सिन्धी संगीत समिति के प्रचार सचिव रमेश लालवानी ने बताया कि चेटीचण्ड के अवसर पर जवाहर रंगमंच पर आयोजित सिन्धी गीत संगीत के रंगारंग कार्यक्रम सिन्धियत जी शॉम झूलण के नाम कार्यक्रम में जयपुर के मनोज मामनानी, मुस्कान कोटवानी, राम खूबचन्दानी सहित अन्य विख्यात कलाकारो द्वारा भी सिन्धी में अपनी अपनी प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि वासुदेव देवनानी ने इस अवसर पर कहा कि सिन्धी समाज में प्रतिभाओ की कोई कमी नहीं हैं हम नई पीढ़ी को हमारी सभ्यता एंव संस्कृति की जानकारी हस्तांतरण करने के उद्वेश्य से इस प्रकार के आयोजन करते हैं। उन्होने सिन्धी संगीत समिति के द्वारा आयोजित कार्यक्रम की सराहना भी की।अतिथि रमेश लख्यानी, भगवानदास हरवानी, राजा ठारवानी, एम टी वाधवानी, प्रकाश रामचन्दानी, दीपक लीलानी, गोविन्दराम खटवानी का अभिनन्दन समिति के अध्यक्ष धनश्याम भूरानी, रमेश चेलानी, धनश्याम गुवालानी, भगवान वरलानी, काजल जेठवानी, रमेश लालवानी आदि ने किया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ अतिथियो द्वारा झूलेलाल साहिब की प्रतिमा के आगे पवित्र ज्योत को प्रज्जवलित करके किया गया।प्रचार कमेटी के सचिव रमेश लालवानी ने बताया कि कार्यक्रम में सिन्धी सूखडी स्मारिका का विमोचन भी अतिथियो के कर कमलो द्वारा किया गया।सिन्धी सूखडी स्मारिका में सिन्ध की स्मृतियां एवं अन्य सिन्धियत से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां प्रकाशित करवाई गई है।
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