आचार्यश्री का चार्तुमास भीलवाड़ा में होगा
शाहपुरा (मूलचन्द पेसवानी)। हर तरफ राम नाम का जयघोष तथा राम नाम का जप। रामनिवास धाम शनिवार को एक मानव समुद्र के रूप में ऐसे दिख रहा था मानो यहां आस्था का ज्वर उमड़ पड़ा। देश विदेश के विभिन्न अंचलों से आज करीब 25 हजार भक्त जनों ने रामस्नेही संप्रदाय के वार्षिकोत्सव फुलडोल महोत्सव में अपनी उपस्थिति दी। शाहपुरा के ग्रामीण अंचलों से भी हजारों की तादाद में यहां पहुंच कर नगर पालिका द्वारा लगाये गये अस्थाई मेले में आयी डोलरों, चकरी का आनंद लिया। आज शोभायात्रा व रामनिवास धाम में भीलवाड़ा के रामस्नेही चिकित्सालय प्रबंध समिति की ओर से संत रमताराम महाराज, संत नवनिधराम, संत दिग्विजयराम, जगदीश सोमाणी, सतीश भदादा, अशोक अजमेरा, दीपक लढ़ा, चांदमल मूंदड़ा ने हेलीकाप्टर से पुष्पवर्षा भी की गई।
आस्था के ज्वार में भक्तों का सैलाब राजस्थान के अलावा गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, उत्तराखंड के अलावा सिंगापुर व वियतनाम से पहुंचा। आज अंतिम चार्तुमास की घोषणा होते ही आस्था का ज्वार नीचे उतरने लगा तथा सैलाब धीरे धीरे छंटने लगा।
फूलड़ोल महोत्सव का समापन, चार्तुमास भीलवाड़ा में-
रामस्नेही संप्रदाय के वार्षिक पांच दिवसीय फूलड़ोल महोत्सव का समापन शनिवार को अपरान्ह में बारादरी में संतो व हजारों भक्तों की उपस्थिति में आचार्यश्री रामदयालजी महाराज के चार्तुमास की घोषणा के साथ हुआ। आचार्य श्री रामदयालजी महाराज का आगामी चार्तुमास भीलवाड़ा में होगा। इससे पूर्व चार्तुमास की विनती करने के लिए अरजियों का वाचन किया गया। आचार्यश्री द्वारा चार्तुमास की घोषणा होते ही भीलवाड़ा के भक्तजनों में उत्साह का संचार व्याप्त हो गया तथा उन्होनें रामनिवास धाम परिसर में शोभायात्रा निकाल कर अपनी खुशियों का इजहार किया। शोभायात्रा में सभी को गुलाल से सरोबार कर दिया। आज चार्तुमास की विनती करने वालों भीलवाड़ा के अलावा रेलमगरा, पुष्कर, सुरत, नईदिल्ली, निम्बाहेड़ा के भक्त प्रमुख थे। शनिवार को बारादरी में दोपहर में अभिजीत मुहर्त में आचार्यश्री रामदयालजी महाराज ने राम नाम सुमिरन करते हुए अपना चार्तुमास करने की घोषणा की।
रामस्नेही संप्रदाय के वार्षिक उत्सव में भाग लेने के लिए पहुंच रहे सभी भक्त जनों के लिए आवास व भोजन की व्यवस्था रामनिवास धाम परिसर में की गई । बाहर से आये यात्रियों के लिए भोजन की निशुल्क व्यवस्था की गई है। महोत्सव के समापन की घोषणा के साथ ही भक्त जनों की वापसी शुरू हो गई है।
बारादरी में रहा आकर्षक नजारा- चार्तुमास की घोषणा के ठीक पहले बारादरी में आचार्यश्री से अनुनय विनय करने के लिए भक्तजनों का नजारा आकर्षक दिखा। हर कोई करूणा भाव से अरजी पेश कर भक्ति भाव का प्रदर्शन कर रहा था। इस दौरान वहां पर पैर रखने की जगह भी नहीं दिख रही थी।
अंतिम दिन भी निकला थाल- फूलडोल महोत्सव के अंतिम दिन रामस्नेही संप्रदाय की परंपरा के मुताबिक नया बाजार स्थित राममेडिया से आद्याचार्य की अणभैवाणी की शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा में हजारों भक्त जन भक्ति भाव से चल रहे थे। आज महिलाओं की संख्या भी अधिक थी। महोत्सव के समापन की घोषणा के साथ ही भक्त जनों की वापसी शुरू हो गई है।
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