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देश विशाल सिन्धु तीर्थ स्थान का निर्माण करवाया जाये- महामण्डलेश्वर हंसराम

सिंधु सभा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक संपन्न


भीलवाड़ा। भारतीय सिन्धु सभा की प्रदेश कार्यसमिति कार्यकारिणी बैठक चिंतन के साथ मथंन करने के लिये है। कार्यकर्ता पर जिम्मेदारी है कि पंचायतों को सशक्त कर सामाजिक बुराइयों को समाप्त करने के लिये आगे बढें व सनातन संस्कारों के लिये सामूहिक सत्यनारायण कथा का आयोजन धार्मिक केन्द्रों पर मातृशक्ति को जिम्मेदारी दी जाये और साप्ताहिक परिवार का मिलन का समय भी निश्चित किया जाये। सभी कार्यकर्ताओं ने ध्वनिमत से सहमति प्रदान की। सिन्ध से आये पीडित नागरिकों को सहयोग करने के लिये स्वरोजगार के साधन उपलब्ध करायें। जिससे वह देवभूमि पर स्थापित हो सके। भारत सरकार से मांग की गई है कि विशाल सिन्धु तीर्थ स्थान का निर्माण करवाया जाये जिसमें सनातन धर्म केन्द्र, गुरूकुल व्यवस्था हो। समाज ने सिन्धु चिन्ह निर्माण कर स्थापित किया है। 


यह बात रविवार को भारतीय सिन्धु सभा की दो दिवसीय प्रदेश कार्यसमिति की हरीशेवा धाम, भीलवाडा में आयोजित बैठक के समापन सत्र में महामण्डलेश्वर हंसराम उदासीन ने कहे।


सभा के मार्गदर्शक कैलाशचन्द ने कहा कि सिन्धु सभा की ओर राज्यस्तरीय सिन्धु महाकुम्भ का जयपुर में आयोजन कर भारत सरकार से मांग की गई थी कि देशभर में सिन्धी विश्वविद्यालय की स्थापना की जाये साथ ही चेटीचण्ड पर राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने, दूरदर्शन पर सिन्धी चैनल का प्रसारण, सिन्धु संस्कृति की राष्ट्रीय स्मारक व राजपथ पर सिन्धु संस्कृति की झाकी को जोडने के आदेश प्रसारित कराये जाये। उन्होनें कहा कि हम सक्रिय, समर्पित व प्रेरणा देने वाले कार्यकर्ता बन सिन्धु सभा से सभी को जोड़े। 


राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष लधाराम नागवाणी ने कहा कि यह संकेत अच्छे हैं कि मातृशक्ति ने जिम्मेदारी लेकर परिवार में भाषा व संस्कृति बढाने के कार्य किये है जो राजस्थान एक माडल के रूप में देशभर में अग्रणी रहेगा। उन्होनें शीघ्र ही मातृ शक्ति प्रदेश स्तरीय सम्मेलन के आयोजन की प्रेरणा भी दी। प्रदेशाध्यक्ष मोहनलाल वाधवाणी ने कहा कि आगामी 2020-21 में वार्षिक केलेन्डर में तय किये कार्यक्रमों को समाज में पूज्य सिन्धी पंचायत, संत समाज व धार्मिक संगठनों के सहयोग से पूर्ण करने हैं व सिन्धु बाल संस्कार शिविरों के आयोजनों में मातृशक्ति व युवा कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी देकर राज्यभर में 150 शिविरों का आयोजन किया जाना है। 


अलग अलग सत्रों में प्रदेश महामंत्री महेन्द्र कुमार तीर्थाणी ने सिन्धु दर्शन तीर्थयात्रा, प्रदेश मंत्री ने युवा कार्यकर्ताओें के कार्यक्रम व प्रदेश उपाध्यक्ष वंदना वजीराणी ने मातृशकित के कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी दी। डाॅ. प्रदीप गेहाणी ने सिन्धी भाषा के विषयों की जानकारी व दीपेश सामनाणी ने सदस्यता अभियान की जानकारी प्रदान की। संभाग प्रभारी वीरूमल पुरसवाणी ने स्वागत भाषण व भगवान नथराणी ने आभार प्रकट किया। मंच का संचालन हीरालाल तोलाणी व शोभा बसंताणी ने किया।


संगठन गीत घनश्याम मेंघवाणी व डाॅ. कैलाश शिवलाणी ने प्रस्तुत किया। गुलाबचन्द मीरचंदाणी को सिन्धियत की विशाल प्रदर्शनी सचित्र लगाकर संस्कृति की जानकारी केे लिये सम्मानित किया गया। संरक्षक सुरेश कटारिया, मनोहरलाल कालरा, राधाकिशन, गिरधारी ज्ञानाणी, मोहन आलवाणी, घनश्याम हरवाणी, ताराचन्द रामचंदाणी, तुलसीदास नथराणी, राजकुमार बालाणी ने भी अपने विचार प्रकट किये।


बैठक में भीलावाडा जितेन्द्र रंगलाणी,सुरेश लौंगवाणी, इन्दिरा गांधी, इन्दु तोलाणी,कविता लोहाणी, ओमप्रकाश गुलाबाणी, चीजनदास फतनाणी,एस.के. लोहाणी, हेमनदास भोजवाणी, राजेश माखीजा व हरीश मानवाणी ने बैठक आयोजन में सहयोग करने पर सम्मान किया गया।


मूलचंद पेसवानी


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