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822 दुकानों को 99 वर्ष की लीज का मामला उठा विधान सभा में

नगर निगम को 31 दिसम्बर 18 तक करनी थी कार्यवाही
विभाजन के समय आए शरणार्थियों को मिली हुई है दुकानें
सरकार से आदेश लागू करने की तिथि आगे बढ़ाने की मांग


अजमेर। अजमेर उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी ने विधानसभा में नगर निगम अजमेर के किरायेदार 822 दुकानदारों को उनकी दुकाने 99 वर्ष की लीज पर आंवटित किये जाने का मामला उठाया। देवनानी ने गुरूवार को विधान सभा में स्थगन प्रस्ताव के माध्यम से मामला उठाते हुए कहा कि विभाजन के समय अजमेर आए शरणार्थियों को उनके बच्चों के पालन पोषण हेतु रोजगार देने के लिए शहर के विभिन्न स्थानों पर जगह आंवटित की गई जहां पर उन्होंने छोटा-मोटा व्यवसाय शुरू किया। इनमें अधिकांश सिन्धी व सिक्ख समुदाय के लोग थे जिन्हें विभाजन के समय अपनी चल-अचल सम्पति पाकिस्तान में छोड़ कर आनी पड़ी थी। 


उन्होंने कहा कि एसे 822 दुकानदारों को वर्ष 1965 से 72 के बीच पक्की दुकाने बनाकर नगर निगम व सरकार द्वारा दी गई तथा इनसे किरायेदार के रूप में किराया वसूला जाने लगा। अचानक दिनांक 4 अक्टूबर 2017 से नगर निगम द्वारा दुकानदारों से किराया लेना बन्द कर दिया।


देवनानी ने कहा कि पिछली राज्य सरकार ने इन दुकानदारों को राहत प्रदान करने के लिए एक आदेश दिनांक 10 मई 2017 को जारी किया जिसके अनुसार 40 वर्ग मीटर तक की सम्पति का 30 वर्ष की लीज नवीनीकरण किया जाना था किन्तु इसका निस्तारण एम्पावर्ड कमेटी द्वारा नहीं किया जा सका। इसके बाद सरकार ने एक अन्य आदेश दिनांक 5 अक्टूबर 2018 को जारी किया जिसके अनुसार पूर्व आदेश को प्रत्याहरित करते हुए दुकानों को 99 वर्ष की लीज पर दिये जाने के आदेश दिये गये। स्वायत्त शासन विभाग के उक्त आदेश की पालना में नगर निगम को 31 दिसम्बर 2018 तक सभी दुकानदारों को 99 वर्ष की लीज प्रदान करने की कार्यवाही पूरी करनी थी किन्तु विधान सभा चुनाव की आचार संहिता प्रभावी होने से कार्यवाही नहीं हो सकी। देवनानी ने सरकार से आग्रह किया कि उक्त आदेश को लागू करने की तिथि आगे बढ़ाई जाए अथवा दुकानदारों से पूर्व की भांति किराया वसूली प्रारम्भ की जाए ताकि दुकानें खाली करने की जो तलवार उनके सिर पर लटक रही है वो हट सके तथा वे निश्चिन्त होकर अपना व्यवसाय करते हुए परिवार का पालन पोषण कर सके। 


उन्होने कहा कि शहर में कचहरी रोड, मदारगेट, गांधी बाजार, पड़ाव, आगरागेट, पुरानी मण्डी आदि स्थानों पर ये दुकाने स्थित है। सरकार के इस आदेश के तहत 1950 से पूर्व के दुकानदारों से वर्तमान व्यवसायिक दर का 25 प्रतिशत व 1950 से 1983 के मध्य के दुकानदारों से 50 प्रतिशत तथा 1983 से 1999 के मध्य के दुकानदारों से 75 प्रतिशत राशि एक मुश्त लेकर उन्हें दुकाने 99 वर्ष की लीज पर दी जानी थी। इसके अतिरिक्त प्रतिवर्ष 5 प्रतिशत राशि दुकानदारों को किराये के रूप में जमा करानी थी अथवा 8 वर्ष की राशि एकमुश्त जमा करवाने पर किरायामुक्त भी किया जा सकता है।


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