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राजस्थान बोर्ड परीक्षाओं की पवित्रता और उसके निष्पक्ष आयोजन के लिये कटिबद्ध : मेघना चौधरी

नियमों में किसी भी स्तर पर शिथिलता और सहानूभूति नहीं बरती जाये


अजमेर। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की सचिव मेघना चौधरी ने कहा  कि राजस्थान बोर्ड, परीक्षाओं की पवित्रता और उसके निष्पक्ष आयोजन के लिये कटिबद्ध है। उन्होंने शिक्षा अधिकारियों से कहा कि बोर्ड की परीक्षाएं किसी भी विद्यार्थी के लिये पहली सार्वजनिक परीक्षा है, इसलिये शिक्षकों का दायित्व है कि इन परीक्षाओं का आयोजन पूर्णत: पारदर्शी और निष्पक्ष हो। राजस्थान बोर्ड की परीक्षाओं की राष्ट्रव्यापी लोकप्रियता है इसलिये  बोर्ड कार्मिकों और शिक्षा अधिकारियों का दायित्व है बोर्ड कि ख्याति बनी रहे। 


चौधरी सोमवार को बोर्ड के राजीव गाँधी भवन में परीक्षा वर्ष 2020 के सफल आयोजन के संबंध में सन्दर्भ व्यक्तियों की प्रशिक्षण कार्य गोष्ठी को संबोधित कर रही थी। ये संदर्भ व्यक्ति अपने-अपने जिलों में बोर्ड परीक्षा केन्द्रों के केन्द्राधीक्षकों को परीक्षाओं के सुचारू आयोजन के लिये प्रशिक्षित करेंगे।
उन्होंने कहा कि शिक्षा अधिकारी बोर्ड परीक्षाओं के लिए प्रत्येक केन्द्र को संवेदनशील मानकर चले। परीक्षा की विश्वसनीयता के लिए आवश्यक है कि नियमों में किसी भी स्तर पर शिथिलता और सहानूभूति नहीं बरती जाये। निपुणत के लिए ''सब चलता हैÓÓ कि मनोवृति का त्याग करे। उन्होनें कहा कि बोर्ड परीक्षा के लिए निजी विद्यालयों में केन्द्राधीक्षक और अतिरिक्त केन्द्राधीक्षक राजकीय विद्यालयों से लगाये जायेंगे। 


उन्होंने कहा कि वे जिले के उन सभी राजकीय और निजी विद्यालयों की सूची बोर्ड को 15 फरवरी तक आवश्यक रूप से प्रेषित करे जहाँ परीक्षा कक्षों में कैमरे लगे हुए है। बोर्ड परीक्षा के लिए बोर्ड स्तर पर जिन परीक्षा केन्द्रों पर सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाये जा रहे है उनके रख-रखाव की जिम्मेदारी संबंधित केन्द्राधीक्षक की होगी। 
बोर्ड के विशेषाधिकारी (परीक्षा) अरविन्द कुमार सेंगवा ने कहा कि बोर्ड परीक्षाओं के सफल संचालन का पहला दायित्व संदर्भ व्यक्तियों का है क्योंकि वे ही अपने क्षेत्र के केन्द्राधीक्षकों को परीक्षाओं के सफल संचालन के लिये प्रषिक्षित करेंगे। प्रषिक्षण का महत्व वर्तमान संदर्भो में इसलिये भी बढ़ गया है क्योंकि षिक्षा और तकनीक के क्षेत्र में हो रहे परिवर्तनों को हमें अपनी कार्यशैली से जोड़ना होगा। उन्होंने कहा कि प्रष्न-पत्रों की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है। किसी भी केन्द्र पर गलत प्रष्न-पत्र खुलने से लाखों विद्यार्थियों, अभिभावकों पर विपरीत प्रभाव पड़ता है, इसलिये शिक्षक प्रश्न- पत्र खोलने में विषेष सावधानी बरतें। 


बोर्ड के निदेशक गोपनीय जी.के. माथुर ने पावर पोईन्ट प्रिजेन्टेशन के माध्यम से पूरी परीक्षा व्यवस्था की व्याख्या की। उन्होंने कहा कि राज्य के अधिकांशत: परीक्षा केन्द्रों की अलमारी निकटवर्ती थानों में रखने की व्यवस्था की गई है। बोर्ड प्रश्न पत्रों की सुरक्षा को सर्वोच्च महत्व दे रहा है। केन्द्राधीक्षकों की महत्ती जिम्मेदारी है कि वे प्रश्न पत्र का लिफाफा खोलने में पूरी सावधानी बरते। छोटी सी चूक से पूरी परीक्षा व्यवस्था चरमरा सकती है। संचार और तकनीकी के नये साधनों से कहीं परीक्षा व्यवस्था में सेंध न लगे इस दृष्टि से केन्द्राधीक्षकों को सजग रहना होगा। परीक्षा काल में परीक्षार्थी और परीक्षा व्यवस्था से जुडे कार्मिकों का मोबाइल के साथ परीक्षा केन्द्रों में प्रवेश वर्जित रहेगा।      


उपनिदेशक (परीक्षा) शिवशंकर अग्रवाल ने कहा कि परीक्षा केन्द्र पर सिंगल सीटेड फर्नीचर की व्यवस्था होनी चाहिए। केन्द्राधीक्षकों की जिम्मेदारी है कि परीक्षा केन्द्र पर बिजली, पानी, शौचालय इत्यादि की समुचित व्यवस्था हो। सभी थानों, पुलिस चौकी, एकल केन्द्र व नोडल केन्द्र पर पेपर कोर्डिनेटर की नियुक्ति जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) से कराई जायेगी। उन्होंने अतिरिक्त निशक्तजनों के संबंध में परीक्षा के लिए राज्य सरकार द्वारा जारी नये प्रावधानों की जानकारी दी। 


कार्यगोष्ठी में वित्तीय सलाहकार आनन्द आशुतोष, उपनिदेशक गोपनीय कमल गर्ग, उपनिदेशक जनसम्पर्क राजेन्द्र गुप्ता, उपनिदेशक लेखा राजेश निर्वाण, सहायक निदेशक राजेन्द्र सक्सैना, सहायक निदेशक गोपनीय रमेश जैन तथा सहायक निदेशक लेखा गणेश चौधरी मौजूद रहे।


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