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निष्काम भक्ति से ही होती है भगवत प्राप्ति : कथा व्यास दिनेश शास्त्री

पुष्कर। पुष्कर के निकटवर्ती ग्राम कडेल में कपिला गोशाला में  चल रही  सप्त दिवसीय भागवत कथा में कथा व्यास पंडित दिनेश शास्त्री नगर पुष्कर वालों ने भगवान कृष्ण द्वारा भक्त वत्सल होने की बातें बताते हुए बताया कि भगवान श्री कृष्ण ने दुर्योधन के घर छप्पन भोगों को त्याग कर अपने भक्तों के प्रेम में वशीभूत होकर विदुर के घर शाक.भाजी का भोग भी प्रेम पूर्वक ग्रहण किया। 
साथ ही शास्त्री जी ने बताया कि तुलसीदास ने किस प्रकार नवधा भक्ति की व्याख्या की है। कथा के दौरान ध्रूव चरित्र की व्याख्या करते हुए आत्मा परमात्मा कुछ संबंध को समझाया। इस प्रसंग में बालक ध्रूव का बाल हट करना व माता सुनीति के द्वारा उन्हें समझाना की बैठना है तो परमात्मा की गोद में बैठो और उन्हें भगवत प्राप्ति के लिए उद्धत किया। फिर नारद जी द्वारा ध्रुव को ज्ञान दिया गया की परमात्मा प्राप्ति का मार्ग क्या है।
इसके पश्चात मुनी जड़ भरत का प्राकट्य हुआ और उनका वन में गमन हुआ। वन में राजा की पालकी ढोते हुए जड़ भरत का राजा को उपदेश दिया गया। कथा के दौरान पुष्कर से सर्वेश्वर जी शास्त्री पधारे जिन्होंने अपने जन्मदिन के उपलक्ष पर कपिला गौशाला में पधार कर 100 किलो हरा चारा एक पेटी गुड़ की अपने हाथों से गायों को खिलाई इस दौरान प्रकाश जी अग्रवालए अनीता जी बेरवा (पंचायत समिति सदस्य श्रीनगर) के साथ पंडित बाबूलाल शास्त्री पुष्कर पंडित दिलीप शास्त्री रियां बड़ी के साथ अनेकों कड़ेल ग्राम के गणमान्य नागरिक मौजूद थे। कपिला गौशाला समिति द्वारा वर्तमान एबीवीपी के जिला अध्यक्ष सर्वेश्वर शास्त्री व उनके साथ आए सभी मेहमानों का साफा व माला पहनाकर स्वागत किया गया।


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