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जीवन में सुख-दुःख आने पर ज्ञानी जीव विचलित नहीं होता,समभाव रहता है : विश्वआत्मानन्द पुरी

तीन दिवसीय बाबा हरनामदास का वार्षिकोत्सव प्रारंभ  


अजमेर। जीवन में जीव को सुख अथवा दुःख आने पर विचलित नहीं होना परन्तु समभाव रहना ही ज्ञान है परन्तु सुख अथवा दुःख आने पर जीव का विचलित होना अज्ञानी होने की पहचान है। उपरोक्त विचार देहली गेट के बाहर कमला बावड़ी स्थित वेदान्त सत्संग भवन में हरिद्वार कन्खल साधना सधन आश्रम के महामण्डलेश्वर स्वामी विश्वआत्मानन्द पुरी महाराज ने अपने सत्संग प्रवचन के दौरान कहे महामण्डलेश्वर ने कहा कि हमको चाहिये कि संससार की समस्त वस्तुओ को परमात्मा की अमानत समझकर काम में लें। 


आश्रम के उपाध्यक्ष एवं प्रवक्ता रमेश लालवानी ने बताया कि सोमवार से बुधवार 26 फरवरी तक तीन दिवसीय कार्यक्रम में प्रतिदिन सुबह 8 बजे से 11 बजे तक एवं दोपहर 3.00 बजे से शाम 6.00 बजे तक प्रतिदिन सत्संग प्रवचन एवं अन्य धार्मिक आयोजन विधि विधान से वेदान्त पर आधारित कार्यक्रम मनाया जायेगा। उपरोक्त कार्यक्रम में माता ज्ञान ज्योति आश्रम किशन गुरनानी मौहल्ला में गुरू ग्रंथ साहिब एवं श्रीमद सुखमनी साहिब का अखण्ड पाठ एवं भोग होगा।इस अवसर पर अनेक सन्त महात्माओ के सत्संग प्रवचन होंगे सन्त समागम होगा साथ ही आम भण्डारे का आयोजन भी किया जायेगा।


साध्वी सन्त माता गीता ज्योति ने अपने सत्संग प्रवचनो में महात्मओ की महिमा के भजन आओ भक्तो तुम्हे सुनाये महिमा लीलाशाह की सिन्ध देश के बाबा बेपरवाह की सुनाया।इस अवसर पर माता ज्ञान ज्योति उदासीन आश्रम की ओर से महामण्डलेश्वर विश्वआत्मानन्द गिरी का कन्हैयालाल गंगवानी, महेश वरलानी, माता गीता ज्योति, रमेश लालवानी, मेवाराम, अजयकुमार, मोहित लालवानी तथा अन्य ने अभिनन्दन किया। तीन दिवसीय कार्यक्रम का समापन 26 फरवरी बुधवार को दोपहर में गुरूग्रंथ साहिब के पाठ में भोग एवं आम भण्डारे-लंगर के साथ किया जायेगा।


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