तकनीकी कर्मचारियों को दिया प्रशिक्षण, हार्टफुलनेस के जरिए कराया ध्यान
कर्मचारियों ने पहली बार फील्ड में जाकर भी लिया प्रशिक्षण
अजमेर। राज्य सरकार द्वारा विद्युत तंत्रा से जुड़े कर्मचारियों की सुरक्षा को सर्वोपरि महत्व देने के निर्देशों के तहत अजमेर विद्युत वितरण निगम ने भी अपने प्रशिक्षण कार्यक्रम को पूरी तरह बदल दिया है। तकनीकी कर्मचारियों को अब फील्ड में भेजने के साथ ही उन्हें मेडिटेशन की भी ट्रेनिंग दी जा रही है। कर्मचारियों को हार्टफुलनेस ध्यान पद्धति से मानसिक तनाव से उबारने के उपाए सिखाए गए।
प्रबंध निदेशक वी एस भाटी ने बताया कि डिस्कॉम में नवनियुक्त हैल्पर द्वितीय व तकनीकी सहायकों को प्रशिक्षण में यह अभिनव प्रयोग किया गया है। अजमेर, भीलवाड़ा, उदयपुर, चित्तौडग़ढ़, डूंगरपुर एवं राजसमंद आदि जिलों में यह प्रशिक्षण आयोजित किए गए। इसके तहत प्रथम बार मेेडिटेशन द्वारा कर्मचारियों को तनाव प्रबंधन के गुर सिखाने के लिए विभिन्न सत्रों में ध्यान को भी इस प्रशिक्षण में शामिल किया गया है। नवनियुक्त तकनीकी सहायकों एवं हैल्परों को दुर्घटना रहित कार्य संस्कृति को बढावा देने के लिएए उन्हें हार्टफुलनेस पद्धति के माध्यम से मेेडिटेशन का अभ्यास करवाया गया।
उन्होंने बताया कि हृदय पर आधारित इस ध्यान के द्वारा कर्मचारियों के तनाव में कमी होगी एवं कार्यकुशलता बढेगी। इससे उनका मन तथा दिमाग प्रफुल्लित रहेगा। वे फील्ड कार्य के दौरान पूरी तन्मयता से कार्य कर सकेंगे। निगम की कार्य शैली में पूर्ण एकाग्रता और सतर्कता के साथ कार्य करना होता है। इस प्रशिक्षण से उनके मन में शांति और स्थिरता बनी रहती है। एकाग्रता और सर्तकता में भी बढ़ोतरी होती है। इसका प्रभाव कार्मिकों के व्यवहार व उनके परिवार में पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा और उनकी कार्यक्षमता में वृद्धि होने से निगम तथा उपभोक्ताओं को बेहतरीन सेवा प्राप्त होगी। इससे विद्युत दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी व विद्युत शिकायतओं के निवारण के कार्यों में भी त्वरित समाधान हो पाएगा।
अतरिक्त मुख्य अभियंता (टीएडएस-सीएसएसए) ए. के. जगेटिया ने बताया कि तकनीकी कर्मचारियों व हेल्परों को मौके पर 09 दिन की फील्ड ट्रेनिंग भी दी गई जिसमें उन्हें 33/11 केवी सबस्टेशन की पूर्ण कार्यप्रणाली, शट डाउन लेने व रद्द करवाने की प्रक्रिया, विद्युत दुर्घटना के कारण, सर्तकता व दुर्घटना रोकथाम के उपाय, विभिन्न सुरक्षा नियमों व उपकरणों के उपयोग एवं कार्य के दौरान सतर्कता एवं सुरक्षा, लाईन व खम्बों पर सेफ्टी जोन बनाकर, अर्थिग करके कार्य करने का तरीका, विद्युत दुर्घटना होने पर त्वरित कार्यवाही एवं कर्तव्य, करंट लगने वाले व्यक्ति को प्राथमिक चिकित्सा सहायता देना, उच्च अधिकारियों को सूचना एवं चिकित्सालय पहुचाना, अग्निशामक यंत्र के उपयोग के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दी गई। इसी तरह 132 एवं 220 केवी जीएसएस की पूर्ण कार्यप्रणाली, विद्युत अवलम्बों व उपकरणों के संबंध में, लाइटनिंग अरेस्टर अर्थिग के बारे में जानकारी दी गई। उन्हें मीटर लैब का भ्रमण कराकर विभिन्न प्रकार के मीटरो संबंधी सामान्य जानकारी, मीटर लेब व स्टोर, मीटर लगाना, मीटर उतारना, मीटर चैक करना आदि की जानकारी दी गई।
उन्होंने बताया कि स्टोर कार्यालय की कार्यप्रणाली, स्टोर लोडिंग व अनलोडिंग, स्टोर में सारे सामानों के प्रकार व आकार को पहचाना व जानकारी, कनिष्ठ अभियन्ता कार्यालय की कार्यप्रणाली व डीसी एमसीओ पीडीसी मीटर बदलने इत्यादि के बारे में जानकारी दी गई। इसी तरह सहायक अभियन्ता कार्यालय का भ्रमण कर कार्यप्रणाली, विजिलेन्स गतिविधियां, विद्युत चोरी के प्रकार व उसको रोकने के उपाय, टी एण्ड डी लॉस व उसमें कमी के संबंध में तकनीकी कर्मचारियों का कर्तव्य, राजस्व संबधी नियमों की जानकारी, मीटर रीडिंग, बिलिंग एवं कलेक्शन, संबंध विच्छेद करना, विद्युत संबंध स्थाई रूप से विच्छेद करना आदि के बारे में बताया। प्रतिभागियों को सेफ्टी एवं हार्टफुलनेस मेडिटेशन ट्रेनिंग अंकुर तिलक गहलोत द्वारा करवायी गई।
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