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डायलिसिस व्यवस्था पटरी पर लाने में सरकार नाकाम : देवनानी

विधान सभा में उठा जेएलएन में डायलिसिस की बिगड़ी व्यवस्था का मामला
सरकार ने नई मशीनें लगाने की गेंद डाली स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के पाले में
चिकित्सा मंत्री जेएलएन से ज्यादा केकड़ी को दे रहे है महत्व


अजमेर। विधायक अजमेर उत्तर वासुदेव देवनानी ने राज्य सरकार पर अजमेर के जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय में डायलिसिस की बिगड़ी व्यवस्था को पटरी पर लाने में नाकाम रहने का आरोप लगाया है। देवनानी ने जेएलएन में डायलिसिस की बिगड़ी व्यवस्था को लेकर राजस्थान विधानसभा में तारांकित प्रश्न लगाया था।
देवनानी ने कहा कि सरकार ने उनके प्रश्न के जवाब में बताया है कि जेएलएन चिकित्सालय में गत 03 वर्षों से पीपीपी मोड पर डायलिसिस की 10 मशीनें लगाकर कार्य कर रही कम्पनी एसकेग संजीवनी प्राईवेट लि. कोलकता द्वारा वर्तमान में सिर्फ 02 मशीनों पर ही डायलिसिस की जा रही है। उन्होंने कहा कि इसे सरकार की नाकामी कहे या अजमेर की उपेक्षा कहे कि ना तो सरकार इस कम्पनी व अस्पताल प्रशासन के बीच कायम विवाद का निपटारा करा पा रही है और ना ही सरकारी स्तर पर मशीनें लगाने के लिए कोई बजट का प्रावधान कर रही है। सरकार ने इस मामले में अपनी सीधी जिम्मैदारी से बचते हुए अजमेर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के माध्यम से 10 मशीनें लगाने का प्रस्ताव भेजा है।
देवनानी ने सरकार पर अजमेर में स्थित संभागस्तरीय चिकित्सालय की उपेक्षा करने का भी आरोप लगाया है तथा कहा कि प्रदेश में कोटा, जोधपुर, बीकानेर, जयपुर, उदयपुर के मेडिकल कॉलेज से सम्बंधित चिकित्सालयों में डायलिसिस की सरकारी व्यवस्थाएं उपलब्ध है परन्तु अजमेर के जेएलएन चिकित्सालय में नहीं। 
उन्होंने चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा पर भी अजमेर के जेएलएन चिकित्सालय की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने केकड़ी के राजकीय चिकित्सालय में डायलिसिस की व्यवस्था करा दी परन्तु जेएलएन चिकित्सालय जहां पर पूरे संभाग से दूर.दराज के मरीज आते है उनकी सुध नहीं ली गई। वर्तमान में यहां के मरीजों को डायलिसिस के लिए कभी सैटेलाईट चिकित्सालय तो कभी दीपमाला पागरानी अस्पताल आदर्शनगर भेजा जाता है। मरीजों को आने-जाने में तो तकलीफ होती ही है साथ ही समय पर डायलिसिस भी नहीं हो पाती है।


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