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बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन शिक्षा अधिकारियों और बोर्ड के लिए संवेदनशील चुनौतीपूर्ण कार्य : चौधरी


अजमेर। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की सचिव मेघना चौधरी ने कहा कि बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन चुनाव की भांति शिक्षा अधिकारियों और बोर्ड के लिये एक संवेदनशील चुनौतीपूर्ण कार्य है। शिक्षक, शिक्षा अधिकारियों और बोर्ड कार्मिकों का समाज की कसौटी पर खरा उतरने का एक पैमाना बोर्ड परीक्षाओं का सफल आयोजन भी है। वैसे तो स्कूली शिक्षा के दौरान विद्यार्थी का कदम-कदम पर मूल्यांकन होता है, परन्तु आम धारणा है कि बोर्ड परीक्षाओं में यह मूल्यांकन पारदर्शी, निष्पक्ष और गुणवतायुक्त होता है। शिक्षकों का महती दायित्व है कि वे बोर्ड परीक्षाओं को स्कूली विद्यार्थी की पहली सार्वजनिक परीक्षा होने के नाते उसे अनुचित साधनों से विहिन और निर्विध्न रूप से संपन्न करावे। 


चौधरी राजस्थान बोर्ड की वर्ष 2020 की परीक्षाओं के सफल संचालन के संबंध में सोमवार को बोर्ड स्थित राजीव गांधी सभागार में आयोजित प्रदेश के शिक्षा संयुक्त निदेशकों व जिला शिक्षा अधिकारियों (माध्यमिक -मुख्यालय) की बैठक को सम्बोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि बोर्ड परीक्षाओं से राज्य के एक करोड लोगों की भावनाऐ जुड़ी है और बोर्ड परीक्षा के आयोजन से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से एक लाख व्यक्ति जुडे है। यह परीक्षा विद्यार्थियों की ही नहीं अपितु बोर्ड और शिक्षा विभाग की भी है। परीक्षा आयोजन की कडी़ में छोटी सी कमी से पूरे परीक्षा व्यवस्था चरमरा सकती है। उन्होंने शिक्षा अधिकारियों से कहा कि परीक्षा केन्द्र पर इन्टरनेट और मोबाइल के प्रयोग को पूर्णत: प्रतिबंधित करने की कार्यवाही करे।


उन्होंने कहा कि परीक्षाओं की निष्पक्षता और पादर्शिता की दृष्टि से परीक्षा केन्द्रों पर परीक्षा कक्ष में निजी और राजकीय विद्यालयों के परीक्षार्थियों को आनुपातिक रूप से परीक्षा देने की व्यवस्था की जाये। जिन निजी विद्यालयों में बोर्ड परीक्षाओ के वीक्षण के लिये राजकीय विद्यालयों से अध्यापक लगाये जाने है ऐसे शिक्षक अधिकतम 15 कि.मी. की दूरी के दायरे में आने वाले विद्यालयों से लगाये जाये।


उन्होंने कहा कि बोर्ड परीक्षाओं से जुडे व्यय के बिल अधिकतम एक माह में बोर्ड को प्रेषित कर दिये जाये ताकि बोर्ड स्तर पर त्वरित भुगतान की कार्यवाही की जा सके। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारियों से कहा कि उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए शिक्षकों को सावधानीपूर्वक मूल्यांकन के लिए निर्देशित करे क्योंकि इस मूल्यांकन से विद्यार्थी का भावी भविष्य जुडा है। उन्होंने कहा कि बोर्ड परीक्षाओं के लिए गठित किये जाने वाले उडनदस्तों में निर्भीक और निष्पक्ष शिक्षकों को लगाया जाये। उन्होंने कहा कि जिले में बोर्ड प्रशन पत्र पहुंचने के बाद उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी जिला परीक्षा संचालन समिति की होगी।


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