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बैंकर्स ऋण जमा अनुपात को बढ़ाने पर जोर दें-एजीएम आरबीआई

डीएलसीसी /डीएलआरसी समिति की बैठक संपन्न
अजमेर। जिला स्तरीय बैंकिंग मामलों की सलाहकार समिति एवं जिला स्तरीय समीक्षा समिति की बैठक शुक्रवार  को अतिरिक्त जिला कलेक्टर शहर सुरेश कुमार सिंधी की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित की गयी।
     
बैठक में अतिरिक्त जिला कलेक्टर शहर ने सभी बैंकर्स को निर्देश दिये कि वे सरकार द्वारा प्रायोजित विभिन्न योजनाओं में  समयबद्धता के साथ लक्ष्य अर्जित करें ताकि गरीब तबके को योजनाओं का लाभ मिल सके।
     
बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक के सहायक महाप्रबंधक राजेन्द्र एस रावत ने सभी बैंकर्स को ऋण जमा अनुपात बढ़ाने के निर्देश दिए। यह अनुपात 60 प्रतिशत से कम नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आवेदक के ऋण प्रार्थना पत्र पर तत्काल कार्यवाही की जाए। उसे पैंडिंग में नहीं रखा जाए। स्वयं सहायता समूहों के बचत खातों को खोलने के कार्य को प्राथमिकता से लिया जाए तथा उन्हें 12 रूपए की बीमा राशि से आवश्यक रूप से जोड़ा जाए। उन्होंने जिला स्तरीय इस बैठक में बैंकों के जिला समन्वयक ही भाग लें तथा पूर्ण तैयारी के साथ आवें।
     
बैठक में नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक बी.बी.खरबंदा ने बताया कि नाबार्ड प्रतिवर्ष देश के सभी जिलों के लिए संभाव्यतायुक्त ऋण योजना तैयार करता है। इससे प्राथमिकता क्षेत्र में संस्थागत ऋण की दिशा और प्रवाह दोनो निर्धारित करने में मदद मिलती है। जिससे बैंक ऋणों के माध्यम से समावेशी विकास को बल मिलता है। उन्होंने बताया कि ई शक्ति प्रोजेक्ट के तहत सभी बैंकर्स विशेष प्रयास करें।
     
इस मौके पर लीड बैंक अधिकारी एस.एस.रावत ने विभिन्न बैंकों के ऋण जमा अनुपात, वार्षिक साख योजना की प्रगति, सरकार द्वारा प्रायोजित कार्यक्रमों की प्रगति, किसान क्रेडिट कार्ड, स्वयं सहायता समूह बैंक लिंकेज में हुई प्रगति की जानकारी दी। इस मौके पर सहायक लीड बैंक अधिकारी आर.के.जैन सहित समस्त बैंकर्स उपस्थित थे। 


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