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सड़क सुरक्षा अग्रदूत प्रशिक्षण एवं हेलमेट वितरण कार्यक्रम आयोजित

हेलमेट प्रोत्साहन, शिक्षा, जागरूकता एवं अनिवार्यता अभियान


300 इंजीनियर बने सड़क सुरक्षा अग्रदूत
अजमेर। राजस्थान सड़क सुरक्षा सोसायटी, परिवहन विभाग, आवास फाउण्डेशन, अभियांत्रिकी महाविद्यालय, अजमेर एवं स्टीलबर्ड कम्पनी के संयुक्त तत्वावधन में हेलमेट प्रोत्साहन, शिक्षा, जागरूकता एवं अनिवार्यता अभियान के अन्तर्गत सड़क सुरक्षा अग्रदूत प्रशिक्षण एवं हेलमेट वितरण कार्यक्रम अभियांत्रिकी महाविद्यालय, अजमेर में आयोजित हुआ।


समारोह मे 300 अभियांत्रिकी महाविद्यालय, अजमेर के छात्रों को सड़क सुरक्षा अग्रदूत के रूप में मुख्य अतिथि पुलिस उप अधीक्षक विजय कुमार सांखला ने इंजीरियरिंग के विद्यार्थियों को स्वयं सूचना प्रौद्योगिकी के छात्र के रूप उदाहरण प्रस्तुत करते हुए यांत्रिकी, सिविल एवं आई.टी. के विद्यार्थियों से अपनी फेकल्टी के सहयोग सड़क सुरक्षा बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आहवान किया तथा सड़क सुरक्षा ऑडिट, क्रेश इन्वेस्टिीगेशन में पुर्वतन एजेन्सियों को बड़ी मदद कर सकते हैं। इन्होंने राजस्थान सड़क सुरक्षा सोसायटी के हितधारकों के इस तरीके की प्रशंसा की कि हेलमेट तो बहाना है, मुख्य उद्देश्य जो इस विषय को नहीं सुनना चाहते हैं, उन्हें सड़क के नियम समझाना है।


मुख्य प्रशिक्षक के रूप में जिला परिवहन अधिकारी, भीलवाड़ा डॉ. वीरेन्द्र सिंह राठौड़ एवं संस्थापक राजस्थान सड़क सुरक्षा सोसायटी ने सड़क सुरक्षा चक्र के बारे में विस्तार से बताते हुए उन्हे वाहन के नियन्त्रण एवं सुरक्षा उपकरणों, अधिकतम गति सीमा, सड़क की मूकुभासा लेन ड्राईविंग, सड़क पर क्या करें व क्या न करें, सावधानी एवं जानकारी के चिन्हों एवं सड़क पर अंकित रेखाओं एवं रंगोे का महत्व पर विस्तार से बताया। साथ ही अधिकांश वाहन चालको को सड़क नियमो व विनियमो का अपूर्ण ज्ञान है जिस के कारण देश में दुर्घटनाओ का ग्राफ लगातार बढ रहा है। उन्होंने  सड़क उपयोगकर्ताओं के कर्तव्य एवं प्राथमिक अधिकार के साथ मोटर वाहन चालन विनिमय 2017 के चालीस नियमों, अपराध एवं शास्तियों के बारे में प्रायोगिक तौर पर विस्तार से बताया।


कार्यक्रम के प्रारम्भ में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. उमाशंकर मोदानी ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और राजस्थान सड़क सुरक्षा सोसायटी, परिवहन विभाग व आवास फाउन्डेशन का आभार व्यक्त किया। यातायात निरीक्षक सुनिता गुर्जर ने स्टूडेन्स से ट्रैफिक पुलिस से डरकर यातायात के नियमों की पालना करने के बजाय स्वअनुशासन नियम समझ कर स्वतः पालन करने की अपील को तथा सभी अग्रदूतों से यातायात को व्यवस्थित एवं प्रर्वतन में इंजीनियरिंग कॉलेज से सहयोग मांगा।


पर्यावरण विभाग केन्द्रीय विश्वविद्यालय के विभागाध्यक्ष राजेश शर्मा ने सभी अग्रदूतों से वैज्ञानिक पद्धति से आम सड़क उपयोग कर्ताओं के माइन्ड सेट को बदलने के लिए अपने अध्ययन एवं अनुभव को काम में लेने का आह्वान किया। हेलमेट प्रोत्साहन, शिक्षा जागरूकता एवं अनिवार्यता अभियान की थीम स्वच्छ, स्वस्थ एवं सुरक्षित राजस्थान है जिसमें समाहित है बेहतर, नियंत्रित एवं सुव्यवस्थित यातायात प्रबन्धन के बिना शुद्ध सड़क पर्यावरण बनाना बड़ा मुश्किल है।


राजस्थान सड़क सुरक्षा सोसायटी के समन्वयक अमर सिंह राठौड़ ने बताया कि इसकी उत्पति स्टेक होल्डर्स के रूप में 23 जनवरी, 2002 में अजय सिंह चौहान (23 वर्ष) युवा भी बिना हेलमेट सड़क दुर्घटना में मृत्यु से उनके पिता अमर सिंह चौहान बिजयनगर भी आध्यात्मिक चेतना एवं प्रेरणा का परिणाम है। उन्होंने गुड सेमेरिटन के अधिकार पुलिस, अस्पताल के कर्तव्य एवं फस्र्ट रेस्पोण्डर्स के दायित्व बताये। आवास फाईनेन्स के स्टेट हेड वीरेन्द्र सिंह केरिया जो आवास फांउडेशन के प्रतिनिधि के रूप में अग्रदूतों को संबोधित करते हुए इस अभियान से जुड़कर अजमेर जिले को हेलमेट युक्त बनाने की अपील की। उन्होंने बताया कि हम सोसायटी से मिलकर 5000 सड़क सुरक्षा अग्रदूत बना रहे हैं।


कार्यक्रम में महाविद्यालय के मैकेनिकल इंजीनियरिंग के विभागाध्यक्ष डॉ. आलोक खत्री, सहायक आचार्य श्री विनोद कुमार वर्मा तथा सिविल इंजीरियरिंग के विभागाध्यक्ष डॉ. गणपत सिंह एवं सूचना प्रौद्योगिकी के विभागाध्यक्ष डॉ. राकेश राठी का सहयोग रहा। कार्यक्रम में परिवहन विभाग  के परिवहन निरीक्षक जाकिर हुसैन एवं आशीष जैन उपस्थित थे। अन्त में सड़क सुरक्षा की शपथ मयूर स्कूल की चौथी कक्षा में अध्ययनरत डॉ. राठौड़ की पुत्री जिज्ञासा राठौड़ ने दिलायी। मंच का संचालन डॉ. शिखा अग्रवाल ने किया। सोसायटी के सचिव राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने सभी का आभार व्यक्त किया तथा इस अभियान से जुड़ने की अपील की।


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