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गांधीजी के मूल दर्शन और विचार हमेशा यथार्थवादी रहेंगे - जिला कलेक्टर

शहीद दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन


अजमेर । महात्मा गांधी की 72वीं पुण्य तिथि के अवसर पर गुरूवार को शहीद दिवस पर सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय, महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति, ज़िला प्रशासन, नेहरू युवा केन्द्र, राजीव गांधी स्टडी सर्किल  और पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के संयुक्त तत्वावधान में गांधी एवं युवा विषय पर महात्मा गांधी सभागार में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता पूर्व विधायक गोपाल बाहेती ने की। मुख्य अतिथि जिला कलेक्टर विश्वमोहन शर्मा थे, विशिष्ट अतिथि के रूप में वृत्त अधीक्षक पुरातत्व विभाग श्री नीरज त्रिपाठी, युवा समन्वयक नेहरू युवा केन्द्र शरद त्रिपाठी व शिवकुमार बंसल थे।
     
मुख्य अतिथि के रूप में जिला कलेक्टर विश्वमोहन शर्मा  ने कहा कि प्रदेश के दो वर्ष गांधीजी को समर्पित है। उनके चाहने वाले विश्व भर में फैले हुए हैं। उन्होंने भाईचारा और सद्भाव को हमेशा जीवित रखा । ग्राम स्वराज व युवाओं को प्रेरणा देने का पुनीत कार्य हमें प्राथमिकता से करना चाहिये। गांधीजी की राष्ट्रीय चेतना के कारण आज हम आज़ादी के वातावरण में सांस ले रहे हैं। राष्ट्र की संस्कृति उनके कारण देश वासियों के दिलों में जीवित हैं। गांधीजी के मूल दर्शन और विचार हमेशा यथार्थवादी रहेंगे। अहिंसा के आधार पर ही उन्होंने मज़बूत ब्रिटिश राज्य से छुटकारा दिलाकर स्वराज प्रदान किया। हमें घृणा व ऊंच नीच की भावना को त्याग कर गांधीजी के मार्ग पर चलना चाहिये। वे एक युग पुरूष थे जिनके विचार और आदर्श हमेशा जीवित रहेंगे। 
     
अपने अध्यक्षीय भाषण में डॉ. गोपाल बाहेती ने कहा कि गांधीजी ने अपने आश्रम में सदैव सार्थक संदेश दिया व अपना हर कार्य स्वयं करते थे और स्वच्छता पर जोर देते थे। वृद्धा आश्रम में संस्कार, शिक्षा और दीक्षा पर जोर दिया जाता था। उन्होंने सदैव खादी को प्रोत्साहित किया। उनका मानना था कि जो व्यक्ति स्वदेशी व स्पष्ट भावना को दिल में रखता है वह सच्चा पुरूष है। सर्वधर्म को आदर की दृष्टि से देखना चाहिये। सभी मानव जाति को साथ लेकर चलना चाहिये। प्रत्येक व्यक्ति को ब्रहमचर्य का पालन करना चाहिये। गांधीजी ने उसे युवा कहा है जिसके हौंसले बुलंद हों, जो सभी के हित की भावना रखता हो, यदि हम आज ग्राम स्वराज पर ध्यान देंतों बेरोज़गारी का निवारण हो सकता है, श्रमहीन सम्पति पाप है।
     
सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. मुन्नालाल अग्रवाल ने कहा कि महापुरूष कभी नहीं मरता इसलिए राष्ट्रपिता आज भी जिंदा हैं। यदि गांधीजी के विचारों को पूरी तरह अपनाया जाय तो विश्व स्तर पर शांति स्थापित हो सकती है। जिन्होंने गांधी को स्वीकार नहीं किया था वह भी आज गांधीजी की प्रासंगिकता को स्वीकार कर रहे हैं। प्रत्येक भारतीय को भय मुक्त जीवनयापन करना चाहिये। सत्य, अहिंसा को अपनाकर देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था को जीवित रखा जा सकता है। युवा गांधी के विचारों को अपनाकर श्रेष्ठ भारत का निर्माण कर सकते हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी आव्हान किया है कि हमें गांधीजी के विचारों को अपनाकर देश व प्रदेश का विकास करना चाहिये। हम गांधीजी के बताये हुए सात पापों से छात्र-छात्राओं को अवगत करायेंगे।
     
संगोष्ठी की मुख्य वक्ता डॉ. सुनीता पचौरी सहायक निदेशक अजमेर सम्भाग ने सर्वप्रथम अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि गांधीजी हमेशा प्रासंगिक रहेंगे। उन्होंने युवाओं को स्वराज से जोड़ा और वे अपने में पूर्ण व्यक्तित्व थे। उन्होंने कहा था कि शैतान से प्यार करों, शैतानी से घृणा। श्री नीरज त्रिपाठी ने अपने उद्बोधन में कहा कि गांधीजी आज भी हमारे मन एवं मस्तिष्क में ज़िन्दा हैं। उन्होंने रंगभेद की नीति का सदैव विरोध किया। हिन्दू और मुस्लिम समान रूप से उनके अनुयायी बने। श्री शरद त्रिपाठी ने कहा के गांधीजी ने ग्राम व कुटीर उद्योगों के विकास पर कार्य करने की बात कही थी। हम अजमेर के ग्रामीण क्षेत्रों में नेहरू युवा केन्द्र के माध्यम से उसी कार्य को आगे बढ़ा रहे हैं। गांधीजी ने यह भी कहा था कि ज़मीन पर ज़मींदार के बजाय किसान का हक है, हमें इस सिद्धांत का पालन करना चाहिये।
     
महाविद्यालय के संगीत विभाग और विकास नवयुवक भजन मण्डली के छात्र छात्राओं ने गांधीजी के प्रिय भजन प्रस्तुत किए। इस मौके पर विभिन्न गतिविधियों में अपनी प्रतिभा दिखाने वाले छात्र-छात्राओं को पुरूस्कृत किया।  जिनमें नेहरू युवा केन्द्र संगठन अजमेर के राजवीर एवं मैना को, हलचल युवा मंडल, खरखेड़ी, अजमेर के आमिर खान, तेजाजी युवा मंडल, खेड़ा सिलोरा ब्लॉक  के त्रिलोक जांगीड़, सरदार पटेल युवा मंडल नांदगांव अजमेर की समस्त टीम, भजन मंडली गोडयावास के मनीष मेघवशी, रविप्रकाश, शैतान सिंह, जल संरक्षण पर खेड़ा गांव में वर्कशाप   के त्रिलोक जांगीड़, अभिषेक कुमार, आदर्शराज तथा राष्ट्रीय युवा स्वयंसेवक अक्षय शर्मा एवं गौरव भार्गव को पुरस्कृत किया गया।
     
कार्यक्रम के अंत में उपाचार्य डॉ. एस.के. गुप्ता ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अनिता शर्मा व डॉ. संजना शर्मा ने किया।


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